सम्यक् पुरुषार्थ से बनाएँ अपने जीवन को सार्थक: आचार्यश्राी महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

सम्यक् पुरुषार्थ से बनाएँ अपने जीवन को सार्थक: आचार्यश्राी महाश्रमण

ताल छापर, 3 अक्टूबर, 2022
परमपूज्य ज्योतिपंुज आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल देशना प्रदान करते हुए फरमाया कि भगवती सूत्र में प्रश्न किया गया कि भंते! जीव अल्प आयुष्य कर्म का बंध क्यों होता है, क्या कारण है? उत्तर दिया गया कि अल्प आयुष्य बंध के तीन कारण हैंµप्राणातिपात कर, झूठ बोलकर व साधुओं को अप्रासूक अनेषणीय अशुद्ध दान देना।
दूसरा प्रश्न किया गया कि जीव दीर्घ आयुष्य कर्म का बंध क्यों करता है। उत्तर दिया गया कि उसके तीन कारण हैंµप्राणातिपात न करना, झूठ न बोलना एवं साधु को प्रासूक एषणीय दान देना। तीसरा प्रश्न है कि दीर्घ अशुभ आयुष्य का बंध क्यों करता है? उत्तर दिया गयाµहिंसा कर, झूठ बोलकर व श्रमण-माहन को निंदा अवहेलना कर उनको दान देना। चौथा प्रश्न पूछा गया कि शुभ दीर्घ आयुष्य का बंध कैसे हो सकता है। तो बताया गया गौतम! प्राणों का अतिपात न कर, झूठ न बोले व साधुओं को जो वंदन-नमस्कार करता है। उनकी पर्युपासना कर साधु को मनोज्ञ कीर्तिकर दान देने से।
आयुष्य कितना है, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है। जीवन कैसे जीया यह महत्त्वपूर्ण है। आयुष्य दीर्घ हो या अल्प पर सुखमय हो। हमारे धर्मसंघ में देखें तो पूज्य आचार्यश्री मघवागणी व पूज्य आचार्यश्री कालूगणी का आयुष्य तो दीर्घ नहीं था, पर उन्होंने अपने ढंग से अच्छा कार्य किया था। जीवन हमें कितना मिलेगा ये हमारे हाथ की बात नहीं है। पर जीवन जितना मिला है, पुरुषार्थ अच्छा करें। जीवन अच्छा जीना चाहिए।
अच्छा जीवन जीने के लिए तीन बातें जरूरी हैं कि प्राणियों की हिंसा नहीं करें, अहिंसापूर्ण जीवन हो। ईमानदारी का जीवन जीएँ। झूठ-कपट व धोखाधड़ी से बचें। साधु घर पर पधारे तो ससम्मान वंदना कर विनयपूर्वक प्रासूक एषणीय वस्तु का दान देना चाहिए। गृहस्थ इन बातों पर विशेष ध्यान दें। पूज्यप्रवर ने तपस्या के प्रत्याख्यान करवाए।
साध्वीवर्या सम्बुद्धयशा जी ने कहा कि बाह्य काँटे का मुख्य काम है, पीड़ा देना। आभ्यंतर काँटे से आत्मा मलीन हो सकती है। ठाणं आगम में तीन प्रकार के शल्य बताए गए हैंµमाया शल्य, निदान शल्य व मिथ्या दर्शन शल्य। मिथ्यात्व से आत्मा का पतन हो सकता है। मिथ्यात्व का संबंध मोहनीय कर्म से है। जो तत्त्व नहीं है, उसे तत्त्व समझ लेना भी मिथ्यात्व है।
पूज्यप्रवर की सन्निधि में आज से त्रिदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन शुरू हुआ है। छापर महिला मंडल मंत्री अलका बैद ने अपने भाव अभिव्यक्त किए। महिला मंडल द्वारा गीत की भी प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।