मुनि नमि कुमार जी ने किया 36 की तपस्या का प्रत्याख्यान
सुनाम।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी ने सहयोगी मुनि नमि कुमार जी के इसी चातुर्मास में दूसरे लंबे तप की संपन्नता पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि परमपूज्य गुरुदेव आचार्यश्री महाश्रमण जी के द्वारा दीक्षित मुनि नमि कुमार जी ने तपस्या का कीर्तिमान रच दिया। 4 वर्षों से चातुर्मास में दो बड़ी तपस्या करने का लक्ष्य बनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। सूरत में 38, 31, बैंगलुरु में 28, 29, 30, इंदौर में 62, 27, सुनाम में 34 और 36 दिनों का तप करके दृढ़-मनोबल, संकल्पबल का परिचय दिया है। चेन्नई में शेषकाल में 33 दिनों का और एक मासखमण पूज्यप्रवर की सन्निधि में गुवाहाटी में 27 दिन का तथा एक पूज्यप्रवर की सेवा में पैदल विहार करते-करते जोवनेर से बीदासर तक 32 दिन का करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया। तपस्या में जाप, ध्यान, स्वाध्याय, कायोत्सर्ग का क्रम निरंतर गतिमान रहता है। मैं यही मंगलकामना करता हूँ कि इसी तरह पूज्यप्रवर की दृष्टि अनुसार अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहें।
मुनि नमि कुमार जी ने अपनी भावना प्रकट करते हुए सबसे पहले पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री महाश्रमण जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की कि मुझे इस अवस्था में दीक्षा प्रदान करके अपनी अंतरंग परिषद का सदस्य बना लिया और उन्होंने मुझे उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी स्वामी का वंदना करवाई। मुनिश्री की सतत प्रेरणा और सामायिक शिक्षा से मैं इस प्रकार नियोजित हो सका। अग्रणी होते हुए भी मेरी हर तरह की सेवा करते हैं। मुनि अमन कुमार जी का भी मुझे काफी सहयोग मिलता है, जिससे यात्रा में कोई दिक्कत नहीं होती। सुनाम क्षेत्र के भाई-बहन भी साताकारी हैं, सेवा का पूरा ध्यान रखते हैं, इस प्रकार मुनिश्री ने अपने हृदय के भाव प्रकट किया।
कार्यक्रम में गुरुदेव के संदेश का वाचन पंजाब प्रांतीय सभा के अध्यक्ष केवल कृष्ण जैन ने तथा दूसरे संदेश का वाचन महेंद्र जैन ने शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी, शासनश्री मंजुरेखा जी के विचार सुरेश जैन, शासनश्री सोमलता जी के विचार रामलाल जैन, मुनि चैतन्य कुमार जी के विचार संजय नाहटा ने, मुनि अर्हत कुमार जी के विचार अरिहंत जैन ने, मुनि सुधाकर जी के विचार संदीप जैन ने, प्रकट किए। मुनि चैतन्य कुमार जी का गीत महिला मंडल ने संगान किया। मुनि रश्मि कुमार जी का गीत भी प्रस्तुत हुआ। मुनि अमन कुमार जी ने पंजाबी भाषा में तथा मुनि कमल कुमार जी स्वामी ने विविध भारतीमय गीत प्रस्तुत किया। मुनिश्री ने गुरुदेव की दृष्टि अनुसार कार्तिक कृष्णा को बिहार कर इंदिरा बस्ती तेरापंथ भवन में जाने की घोषणा की। इस अवसर पर काफी उपवास, एकासन हुए। संजीव जैन, नीतू जैन ने पंचोले का प्रत्याख्यान किया। रूपेश जैन ने नव दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।