‘जैन धर्मोस्तु मंगलम’ कार्यक्रम का आयोजन
मुंबई।
अभातेममं के तत्त्वावधान में तेममं, मुंबई द्वारा तेरापंथ भवन, कांदिवली में साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में ‘जैन धर्मोस्तु मंगलम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तेममं की अध्यक्षा रचना हिरण ने सभी का स्वागत किया। महिला मंडल की राष्ट्रीय महामंत्री मधु देरासरिया ने विषय पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदन तातेड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ0 मंजु नाहटा ने ‘चित्रों में अनेकांतवाद’ विषय पर व्याख्यान दिया। निर्मला नौलखा ने साध्वी निर्वाणश्री जी, साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी का परिचय दिया। उन्होंने साध्वीवृंद के जीवन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात साध्वी योगक्षेमप्रभा जी ने ‘पुनर्जन्म-कर्मवाद’ को उदाहरण सहित समझाया। साध्वीश्री जी ने कहा कि जन्म और मृत्यु जितना सच है, पुनर्जन्म भी उतना ही सच। उन्होंने कई विद्वानों और वैज्ञानिकों का जिक्र किया, जिन्होंने इस बात को सिद्ध किया है।
अभातेममं की अध्यक्षा नीलम सेठिया ने वीडियो के माध्यम से जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों को न खाने की वजहों पर प्रकाश डाला। साध्वीवृंद ने गीतिका प्रस्तुत की।
सम्यक् दर्शन पर पुखराज सेठिया ने अपना उद्बोधन दिया। कनक ने कर्मवाद पर अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं को महिला मंडल द्वारा स्मृति चिÐ प्रदान कर सम्मानित किया गया। साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि हम ज्ञान के साथ ही आचरण की पवित्रता को भी जोड़ें। साध्वीश्री जी ने महिलाओं के प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि खुशी की बात है कि बहनें स्कोलर और विदूषी के रूप मे सामने आ रही हैं। साथ ही अभातेममं की महामंत्री, मुंबई महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण एवं इनकी पूरी टीम को शुभकामनाएँ दी।
आभार ज्ञापन अभातेममं की पूर्व महामंत्री तरुणा बोहरा ने व संचालन मंत्री अलका मेहता ने किया। कार्यक्रम में सांताक्रुज महिला मंडल संयोजिका ममता कोठारी, सह-संयोजिका डिंपल परमार, माया बाफना के साथ ही पूरी टीम ने प्रायोजक व संपूर्ण सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में उपाध्यक्ष विमला कोठारी, सहमंत्री सरोज सिंघवी, संगीता चपलोत, कोषाध्यक्ष सुनिता सुतरिया, ई-मीडिया प्रभारी सुचिता कोठारी व सभी पूर्वाध्यक्ष, मार्गदर्शक, परामर्शक, विशेष सहयोगी, कार्यकारिणी टीम का सहयोग रहा। लगभग 650 लोगों की उपस्थिति रही। यू-ट्यूब के माध्यम से 3000 से भी अधिक लोगों ने इस वेबिनार से लाभान्वित हुए।