दो दिवसीय अणुव्रत प्रबोधक कार्यशाला का आयोजन
गांधीनगर, बैंगलोर।
अणुविभा के तत्त्वावधान में अणुव्रत समिति, बैंगलोर द्वारा दो दिवसीय ‘अणुव्रत प्रबोधक कार्यशाला’ मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन गांधीनगर में हुआ।
प्रथम दिवस अणुव्रत आंदोलन में कार्यकर्ता का महत्त्व एवं द्वितीय दिवस वैश्विक परिदृश्य और अणुव्रत दर्शन की प्रासंगिता विषय पर पाथेय प्राप्त हुआ।
मुनि जयदीप कुमार जी ने आचार्यश्री तुलसी के अणुव्रत गीत द्वारा दिए संदेश का संगान किया एवं अणुव्रत द्वारा व्यक्ति को कैसे जीवन जीना चाहिए पर प्रकाश डाला। मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि देश-विदेश में प्रचार किया जाए व अणुव्रत को ग्रहण कर अणुव्रत से जीवन का विकास एवं आत्मा का कल्याण का मार्ग बनाया जाए।
मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि अणुव्रत प्रदर्शन नहीं, आत्मदर्शन का नाम है। अणुव्रत एक-दूसरे को जोड़ने का एक सेतु का काम करता है। अणुव्रत जाति संप्रदाय से ऊपर उठा हुआ है।
कार्यशाला में अणुविभा राष्ट्रीय अध्यक्ष संचय जैन, पदाधिकारीगण, कार्यकारिणी टीम व अणुव्रत समिति, बैंगलुरू, अध्यक्ष शांतिलाल पोरवाल, सभा, तेयुप, ट्रस्ट, टीपीएफ, महिला मंडल की विशेष उपस्थिति रही। कार्यशाला के संयोजक हरकचंद ओस्तवाल एवं सह-संयोजक धर्मेन्द्र बरलोटा रहे।