भिक्षु चरमोत्सव के विविध आयोजन

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भिक्षु चरमोत्सव के विविध आयोजन

टी-दासरहल्ली
शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ प्रवर्तक आचार्य भिक्षु का 220वाँ चरमोत्सव दिवस समारोह साध्वीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार द्वारा प्रारंभ हुआ। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी ने कहा कि जैनागमों के महान, गहन, मर्मज्ञ एवं व्याख्याता थे आचार्य भिक्षु। उनकी सूक्ष्मग्राही मनीषा ने अनुस्त्रोतगामी बनना नहीं चाहा।शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु दिव्य संकेतों के साथ जन्मे। जब वे माँ दीपा के गर्भ में आए तब माँ दीपा ने सिंह का स्वप्न देखा। वह चरितार्थ हुआ। उन्होंने जैन समाज के सम्मुख महावीर वाणी को जैनागमों के प्रमाण के साथ निर्भीकता के साथ रखा। साध्वी मंजुरेखा जी, साध्वी निर्भयप्रभा जी, साध्वी चेलनाश्री जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल व तेयुप द्वारा सुमधुर गीत से आचार्य भिक्षु चरण में अभिवंदना की गई। तेममं उपाध्यक्ष नेहा चावत ने सभी का स्वागत किया। दिल्ली से समागत विजयराज सुराणा ने स्वयं से संपादित ‘दिल्ली में तेरापंथ का विकास’ पुस्तक साध्वीवृंद के चरणों में भेंट की। आभार ज्ञापन पूर्णिमा कटोतिया ने किया। समारोह का संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।