तपोभिनंदन समारोह का आयोजन
शाहदरा, दिल्ली।
विवेक विहार, ओसवाल भवन में विराजित शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब-जब चातुर्मास आता है, जैन धर्म में तपस्या का दरिया लहराने लगता है। यत्र-तत्र सर्वत्र तपस्या की चर्चा-परिचर्चा होने लगती है। इस बार शाहदरा सभा क्षेत्र में तपस्या का अच्छा क्रम चला। दीर्घ तपस्वी हनुमानमल सेठिया उपस्थित हैं, जिन्होंने प्रबल मनोबल एवं आत्मबल के साथ 61 दिनों की प्रलंब तपस्या परिसंपन्न की है। मैं इनकी तपस्या के लिए सौ-सौ साधुवाद देती हूँ। सुश्रावक हनुमानमल ने इस चातुर्मास में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इतनी प्रलंब तपस्या कर धर्मसंघ की प्रभावना में अपना योगदान दिया है। उनका तपस्या के साथ रोज प्रवचन श्रवण, सामायिक, स्वाध्याय, जप आदि का क्रम सतत चलता रहा। कर्म निर्जरा का लक्ष्य परिपूर्ण करते रहें। साध्वी परिवार द्वारा एक सामूहिक गीत का संगान किया गया। जिसमें संपूर्ण जनता भी संभागी बनी।
शासनश्री साध्वी सुव्रताजी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की आधारशिला तपस्या है। आचार्य भिक्षु ने तेले की तपस्या से तेरापंथ का शुभारंभ किया था। तपस्या का जैन दर्शन में बहुत महत्त्व है। शासनश्री साध्वी सुमनप्रभा जी ने कविता की पंक्तियों से एवं साध्वी कार्तिकप्रभा जी व साध्वी चिंतनप्रभा जी ने मधुर गीत से तपस्वी का अभिनंदन किया।सुजानगढ़ निवासी-दिल्ली प्रवासी हनुमानमल सुपुत्र रूपचंद-बरजीदेवी सेठिया के पूर्व में 7 मासखमण किए व उपवासµबेले-तेले बीच-बीच में चलते रहते हैं। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन युवा गौरव पुखराज सेठिया ने किया।
अनुमोदना के क्रम में गुंजन गुप्ता-निवर्तमान निगम पार्षद, संजय गोयल पूर्व उपमहापौर-ईडीएमसी, पंकज लूथरा, पूर्व निगम पार्षद, दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, तेयुप दिल्ली के अध्यक्ष विकास सुराणा एवं टीम, तेममं दिल्ली की अध्यक्षा मंजु जैन, शाहदरा सभा अध्यक्ष पन्नालाल बैद, गांधीनगर सभाध्यक्ष कमल गांधी, ओसवाल समाज के मुख्य ट्रस्टी हनुमान बांठिया, तेममं दिल्ली की पूर्व अध्यक्ष तारा बैंगानी सहित अनेक पदाधिकारिगण ने वक्तव्य व गीतिका के माध्यम से भाव प्रकट किए। कार्यक्रम में सभा-संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। तपस्वी हनुमानमल का सभा परिवार व तेममं दिल्ली द्वारा साहित्य व मोमेंटो से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री आनंद बुच्चा ने किया।