कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
बैंगलोर।
संस्था शिरोमणि जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, बैंगलोर द्वारा सभा भवन गांधीनगर में गोवा, तेलंगाना, गुंतकल एवं कर्नाटका की सभी सभाएँ तथा उपसभाओं का ‘कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र: कार्यशाला का शुभारंभ मुनिश्री के महामंत्रोच्चार से हुआ। महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया द्वारा कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। मंगलाचरण सभा के सदस्यों द्वारा तथा स्वागत गीतिका ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन महासभा अध्यक्ष द्वारा किया गया।
मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि कार्यकर्ता का मतलब ही होता है कार्य को करने वाला। कार्यकर्ता की पहचान नाम से नहीं काम से होती है। कार्यकर्ता कार्यक्रम को नहीं कार्य को अधिक महत्त्व देता है। कार्यकर्ता का सबसे महत्त्वपूर्ण घटक तत्त्व है-कर्तव्य बोध, अपने कर्तव्य बोध को समझना। अपने समय व स्वार्थ का विसर्जन कर, संघ के विकास के लिए अपने संपूर्ण जीवन का बलिदान देना ही एक कार्यकर्ता की पहचान है। मुनि भरत कुमार जी ने अपने अंदाज में कहा जो होता है धर्मसंघ का कार्यकर्ता अपने कर्तृत्व से जोश, होश, अक्षयकोश को भरता, साधु-संतों की व धर्मसंघ की सेवा करके कर्मों को हरता वह श्रावक अपनी आत्मा को निखारता है। बालमुनि जयदीप कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए।
महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए महासभा द्वारा संचालित विभिन्न आयामों की जानकारी दी। बैंगलोर सभा अध्यक्ष कमल सिंह दुगड़ ने सभी का स्वागत करते हुए सभा द्वारा अभी तक आयोजित कार्यों की जानकारी दी। महासभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नखत ने महासभा द्वारा निर्देशित कार्यों को सभाओं द्वारा कैसे संचालित हो तथा निष्पत्ति निकाली जा सके। न्यासी महासभा मूलचंद नाहर, भवन निर्माण संयोजक हीरालाल मालू, दक्षिणांचल प्रभारी प्रकाश चंद लोढ़ा ने विचार व्यक्त किए। संचालन उपाध्यक्ष रमेश कोठारी ने किया। आभार सभा मंत्री गौतम मांडोत ने दिया।
प्रशिक्षण सत्र-प्रथम
महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल तथा महामंत्री विनोद बैद ने सभा संचालन मार्गदर्शिका पर आधारित पूर्ण विस्तार से सभाओं का संचालन कैसे हो इस विषय पर प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण सत्र-द्वितीय
महासभा अध्यक्ष एवं महामंत्री ने ‘श्रावक संदेशिका’ पर आधारित एवं सभी नियमों की सभा कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल सिंघी व संगठन मंत्री धर्मेश कोठारी ने विस्तृत जानकारी दी। मुनिश्री द्वारा निर्देशित लघु प्रतियोगिता का आयोजन किया। सभी सभाओं के पदाधिकारियों की जिज्ञासाओं का समाधान महासभा के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। आभार सहमंत्री राजेंद्र बैद ने किया। मुनिश्री के उद्बोधन एवं मंगलपाठ से सत्र का समापन किया गया। कार्यशाला में कुल 25 सभा एवं उपसभाओं की सहभागिता रही। टीपीएफ राष्ट्रीय महामंत्री हिम्मत मांडोत, अणुविभा राष्ट्रीय संगठन मंत्री कन्हैयालाल चिप्पड़, महासभा कार्यकारिणी सदस्य, सभी सभाओं के पदाधिकारीगण एवं श्रावक समाज की उपस्थिति रही। संयोजक रमेश कोठारी, उपाध्यक्ष सुनील बाफना, उपाध्यक्ष अरविंद सिंघी, सहमंत्री विनय बैद, राजू धोका का विशेष श्रम रहा।