पैंसठिया यंत्र अनुष्ठान के आयोजन
माधावरम्, चेन्नई
तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के तत्त्वावधान में मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में नवरात्रि के अंतर्गत 108 पैंसठिया छंद एवं यंत्र का विशेष अनुष्ठान हुआ। मुनि सुधाकर कुमार जी ने बीज मंत्रों के साथ अनुष्ठान कराया। तेरापंथ नगर की बहनों ने सुमधुर स्वर में पैंसठिया छंद का निरंतर संगान किया। मुनिश्री ने कहा कि समय परिवर्तनशील है। किसी के जीवन में एक सरीखी परिस्थितियाँ नहीं रहती हैं। उत्थान-पतन व सुख-दुःख की लहरें उत्पन्न होती रहती हैं। मुनिश्री ने कहा कि भगवान महावीर ने अकाल मृत्यु के जो सात कारण बताए हैं उनमें भावेश की तीव्रता एक प्रमुख कारण है। आवेश के कारण शरीर और मस्तिष्क पर बहुत हानिकारक प्रभाव होता है। आज हर मनुष्य का जीवन व्यस्त है। सबके सामने नाना प्रकार की चुनौतियाँ हैं। इस स्थिति में सहजता से जीने का अभ्यास जरूरी है।