नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

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नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव के आयोजन

रोहिणी, दिल्ली
तेरापंथ भवन, रोहिणी में साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्म दिन पर कहा कि आचार्यश्री तुलसी प्रकाश पुरुष थे, जिन्होंने स्वयं ज्ञान का प्रकाश का उपलब्ध किया और दुनिया को अनैतिकता और भ्रष्टाचार के अंधेरे से निकालकर नैतिकता का प्रकाश अणुव्रत के जरिए घर-घर तक पहुँचाया। तेरापंथ धर्मसंघ में मर्यादा और अनुशासन को सुदृढ़ बनाकर साधकों में संयम का संचार किया, जिससे अध्यात्म की शक्ति को वर्द्धमान होने का मौका मिला।
साध्वी कल्याणयशा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी मानव नहीं महामानव थे, जिन्होंने स्वर्ग को धरती पर उतारने के लिए बल्कि धरती को स्वर्ग बनाने के लिए अथक श्रम किया। पद का विसर्जन करने वाले इस युग के अप्रतिम आचार्य थे गणाधिपति गुरुदेव तुलसी। पवन जैन, अशोक, बिरदीचंद जैन, रतनलाल जैन, कमल बैंगाणी ने अपने भाव व्यक्त किए। राजूबाई राखेचा ने मंगलाचरण किया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विजय जैन ने अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी।