नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

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नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव के आयोजन

चेन्नई
आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव का कार्यक्रम तमिलनाडु राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल आर0एन0 रवि एवं मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट एवं राजभवन की आयोजना में आयोजित हुआ। राज्यपाल आर0एन0 रवि ने कहा कि भारत एक अनोखा, अनूठा विशेष देश है। जहाँ विश्व के अन्य देश बाहुबल, हिंसा, ताकत से बने। वहीं भारत का निर्माण ऋषि-मुनियों की त्याग, तपस्या, साधना से अध्यात्म भरी सभ्यता, संस्कृति से बना है। आपने अंग्रेजी शिक्षा से फैली भ्राँति के बारे में कहा कि भारत देश धर्म निरपेक्ष नहीं, अपितु पंथ निरपेक्ष देश है। भारत एक परिवार है, तो धर्म उनके सदस्य हैं और धार्मिक संस्कृतियों की बदौलत ही भारत में अभी भी आध्यात्मिकता का समावेश है। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी एक व्यक्ति ही नहीं, विचारधारा थे। वे व्यापक और विराट व्यक्तित्व के धनी थे। आचार्यश्री तुलसी अपने जीवन में आए अनेकों विरोध में भी विनोद समझकर आगे बढ़ते गए।