मिलन समारोह की उमंग में बिखरा नया रंग
राजगढ़ (सादुलपुर)
शासनश्री साध्वी सुमनश्री जी भिवाणी (हरियाणा) से विहार करती हुई सादुलपुर पहुँची। जहाँ सेठिया भवन में प्रवासित शासनश्री साध्वी मानकंवर जी ने अपनी सहयोगी साध्वियों के साथ अगवानी करते हुए साध्वी सुमनश्री जी का स्वागत किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने भावपूर्ण गीत और कव्वाली प्रस्तुत करते हुए वातावरण को पुलकित कर दिया।
साध्वी इंदुयशा जी ने मंच का संचालन करते हुए मिलन समारोह के मधुर क्षणों को अविस्मरणीय बताया। शासनश्री साध्वी मानकंवर जी ने प्रेरक उद्बोधन दिया। यह मिलन और सद्भावना की परंपरा तेरापंथ धर्मसंघ में ही देखने को मिलती है। साध्वी सुमनश्री जी प्रतिभा संपन्न प्रबुद्ध साध्वी हैं। विनम्रता, सरलता और मिलनसारिता इनकी अनुकरणीय है। ये गहरे संस्कार हमें विरासत में मिले हैं।
सहवर्ती साध्वियोंसाध्वी कुशलप्रज्ञा जी, साध्वी कमलयशा जी, साध्वी कीर्तिरेखा जी और साध्वी इंदुयशा जी ने गीत के द्वारा स्वागत किया। शासनश्री साध्वी सुमनश्री जी ने कहा कि आज साध्वीश्री जी के पास पहुँचकर अति प्रसन्नता की अनुभूति कर रहे हैं। आपका वात्सल्य पाकर हम रास्ते की थकान भूल रहे हैं।
शासनश्री साध्वी मानकुमारी जी हमारे धर्मसंघ की श्रेष्ठ और विरल साध्वी हैं। आपके पास ज्ञान अनुभव का खजाना है। आपने धर्मसंघ की खूब प्रभावना और सेवा की है। हम जितने दिन आपके पास रहें, हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। साध्वी सुरेखा जी ने अपने विचार रखे। साध्वी मधुरलता जी, साध्वी मननप्रभा जी, साध्वी सुरेखा जी ने भाव भरे गीत से प्रसन्नता व्यक्त की।