चित्त समाधि ध्यान शिविर
आमेट।
तेरापंथ भवन में साध्वी प्रांजलप्रभा जी के निर्देशन में एक दिवसीय चित्त समाधि ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर 50 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग पुरुष व महिलाओं के लिए आयोजित किया गया। शिविर में सम्मिलित हुए 75 से अधिक शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि व्यक्ति ढलती उम्र के साथ किस प्रकार का जीवन जीए, यह महत्त्वपूर्ण है। वृद्धावस्था में जीवन शैली कैसी हो, इसको प्रतिपादित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि इस उम्र में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन होते हैं। यदि हम स्वयं को इन परिवर्तनों के अनुरूप ढालने का प्रयास करेंगे तो हर क्षण खुशहाली के साथ व्यतीत हो सकता है। साध्वीश्री जी ने कई ऐसे प्रयोग भी करवाए जिनको प्रतिदिन करने से मानव उम्र के इस पड़ाव में भी अपनी युवावस्था को जीवित रख सकता है। इस शिविर में प्रेक्षा प्रशिक्षक मिश्रीलाल चौधरी ने योग, प्राणायाम एवं ध्यान के साथ विभिन्न प्रयोग करवाए। उपासक शांतिलाल छाजेड़ ने भी अपने वक्तव्य से एवं छोटे-छोटे प्रयोग द्वारा चित्त समाधि के गुण सिखाए।
साध्वी गौतमप्रभा जी ने शिविरार्थियों को कायोत्सर्ग का प्रयोग करवाए। शिविर में तेरापंथ सभा अध्यक्ष देवेंद्र मेहता, मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता, कोषाध्यक्ष अशोक पितलिया, तेयुप के अध्यक्ष पवन कच्छारा, मंत्री विपुल पितलिया का सराहनीय सहयोग रहा। शिविर का समापन साध्वीश्री जी के मंगलपाठ एवं आभार ज्ञापन सभा मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता ने किया।