आत्म शुद्धि की अद्भुत प्रक्रिया है तपस्या
उधना।
साध्वी लब्धिश्री जी के सान्निध्य में तप अभिनंदन का आयोजन किया गया। जिसमें 80 तपस्विनी भाई-बहनों के नाम आए जिसमें मासखमण के 2, पखवाड़ा के 6 एवं 8 से 11 की तपस्या वाले 71 थे। मंगलाचरण ज्ञानशाला द्वारा किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि तपस्या अंतरयात्रा का मार्ग है। तपस्या के द्वारा हम अपने कर्मों का क्षय कर सकते हैं। तपस्या करने वाले सभी साधुवाद के पात्र हैं। साध्वीश्री जी ने कहा कि तपस्या करना बड़ा कठिन है, फिर भी जिन्होंने की है उन्होंने अपने कर्मों की निर्जरा की है। सभा अध्यक्ष बसंतीलाल नाहर ने स्वागत वक्तव्य दिया। सभी तपस्वियों का स्वागत किया। महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष जस्सु बाफना व तेयुप की ओर से मंत्री उत्कर्ष खाब्या ने अपनी भावनाएँ व्यक्त की। कन्या मंडल व किशोर मंडल द्वारा गीत का संगान किया गया। तप अभिनंदन में 70 तपस्वी उपस्थित थे। सभी का दुपट्टे एवं अभिनंदन पत्र द्वारा सम्मान किया गया। तेरापंथी सभा, तेममं व तेयुप का सराहनीय सहयोग रहा। तप अभिनंदन समारोह के संयोजक विनोद भटेवरा और नेमीचंद कुकड़ा ने अच्छी संयोजना की। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुरेश चपलोत ने किया।