हृदय रोग और प्रेक्षाध्यान पर कार्यशाला
भिलोड़ा।
डॉ0 मुनि मदन कुमार जी के सान्निध्य में भिलोड़ा के महावीर भवन में हृदय रोग और प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। अहमदाबाद से डॉ0 धवल दोशी और जयपुर से डॉ0 मुकेश जैन ने प्रभावी वक्तव्य दिए। इस अवसर पर मुनि मदन कुमार जी ने कहा कि भोजन में संयम, आवेश, नियंत्रण और श्रमशीलता से स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है। भावात्मक स्वास्थ्य से जीवन में शांति का अवतरण किया जा सकता है। इस दृष्टि से प्रेक्षाध्यान पद्धति रामबाण औषधि है। दीर्घश्वास प्रेक्षा और कायोत्सर्ग को साधकर हृदय-रोग जैसी भयावह बीमारी से बचा जा सकता है।
मुनि मदन कुमार जी ने कहा कि ध्यान और योग श्रेष्ठ औषधि है। जीवन में तप का आलंबन भी लेना चाहिए। डॉ0 धवल दोशी ने कहा कि कोलेस्ट्राल और मोटापे से परहेज करना चाहिए तथा आलस्य और नशे की प्रवृत्ति को छोड़ना चाहिए। डॉ0 मुकेश जैन ने कहा कि आँख पाँख है। आँखों की सुरक्षा और दृष्टि दान दोनों जरूरी है। मुनि सिद्धार्थ कुमार जी ने चिकित्सकों का परिचय देते हुए उनकी आध्यात्मिक सेवाओं को मूल्यवान बताया। सभा अध्यक्ष महावीर चावत, मंत्री बाबूलाल दक, रेखा भटेवरा आदि ने उद्गार व्यक्त किए।