तीन दिवसीय शिविर का आयोजन
दिवेर।
मुनि प्रकाश कुमार जी एवं मुनि सिद्धप्रज्ञ जी द्वारा ‘उज्जैन’ का दिवेर की फूलीबाई भेरूलाल नाहर बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जीवन-विज्ञान का प्रशिक्षण दिया गया। मुनि प्रकाश कुमार जी ने कहा कि विद्यार्थी प्रारंभ से ही कैसे बैठना, कैसे खाना, कैसे चलना, कैसे सोना, कैसे बोलना आदि सीख लेता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। चलते हुए खाना और खाकर तुरंत चल देना दोनों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
मुनिश्री ने इस अवसर पर पानी पीने का सही तरीका, जीने का सही तरीका, खाने का सही तरीका आदि बातों का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने आलस्य से मुक्ति शारीरिक दर्द से मुक्ति के लिए तथा स्मरण शक्ति के विकास के लिए प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए। अणुव्रत आंदोलन की जानकारी देते हुए विद्यार्थी और अध्यापक अणुव्रत के नियमों पर प्रकाश डाला। सभी छात्राओं ने अणुव्रत के नियमों को स्वीकार करते हुए नियमित रूप से प्रेक्षाध्यान और जीवन-विज्ञान के प्रयोग करने का संकल्प किया।
स्कूल की ओर से वरिष्ठ अध्यापक हरीश सालवी ने मुनिश्री का स्वागत किया। मुनि संजय कुमार जी की प्रेरणा से यह शिविर आयोजित हुआ। तेरापंथ सभा की ओर से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। सभी विद्यार्थियों को पारितोषिक के रूप में पेन वितरित किए गए। तेरापंथ सभा के मंत्री बाबूलाल लोढ़ा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर अनेक पदाधिकारीगण तथा सदस्यों की उपस्थिति रही। मुनि प्रकाश कुमार जी द्वारा दिए गए मौन की भाषा का मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने हिंदी में अनुवाद किया। स्कूल के प्रधान व अणुव्रत समिति के अध्यक्ष गणेश राम जे0 ने आभार व्यक्त किया।