सामूहिक आयंबिल अनुष्ठान
रोहिणी, दिल्ली।
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य एवं प्रेरणा तथा तेममं तथा तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में सामूहिक आयंबिल अनुष्ठान का तपायोजन संपन्न हुआ। इस अनुष्ठान में लगभग 125 भाई-बहनों की सहभागिता रही। तेरापंथ भवन में 87 एवं उसके अतिरिक्त अपने-अपने घरों में आयंबिल किए गए। इस अवसर पर साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा कि भगवान महावीर ने निर्जरा के बारह भेदों का वर्णन किया है। आयंबिल तप अनुष्ठान उनमें से रास परित्याग का अच्छा साधन है।
तप आत्मविश्वास को उजागर करता ही है, इंद्रियों की चंचलता को भी रोकने का माध्यम है। शारीरिक रोगों का निवारण तो किया जा सकता ही है, मानसिक और भावनात्मक रोग भी दूर होते हैं। साध्वीश्री जी ने कहा कि तपस्या से बड़े-बड़े रोगों से मुक्ति मिल सकती है, बशर्ते हम अपने जीवन में महत्त्व को समझें। तेममं, दिल्ली की अध्यक्षा मंजु जैन ने कहा कि आज प्रसन्नता का माहौल है। एक साथ इतने आयंबिल कर श्रावक समाज ने हमारे उत्साह को शतगुणित कर दिया है। इस अवसर पर उन्हें नीवी करने की भी प्रेरणा दी।
तेरापंथ सभा अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें भैक्षव शासन मिला। आचार्यश्री महाश्रमण जी का आशीर्वाद एवं अनुशासन हमें प्राप्त है। आज के इस अनुष्ठान में 30-35 भाइयों की सहभागिता सबके लिए आश्चर्यकारी थी। क्योंकि ऐसे अनुष्ठानों में ज्यादातर बहनों की उपस्थिति ही रहती है। राजेंद्र, मंत्री इंद्रा सुराणा, प्रवीण सिंघी, राजकुमार जैन, मदनलाल जैन, सुशील जैन, महेंद्र चोरड़िया, रतनलाल जैन आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।