एक दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर
गंगाशहर।
मुनि शांति कुमार जी के सान्निध्य में नैतिकता का शक्तिपीठ पर स्थित आशीर्वाद भवन में एक दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन किया गया। तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित इस शिविर में 120 से अधिक शिविरार्थियों ने भाग लिया। सर्वप्रथम प्रातः योग आसन से शिविर का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात श्वासप्रेक्षा, कायोत्सर्ग, मंत्र प्रेक्षा, सहिष्णुता, स्वाध्याय अनुप्रेक्षा सहित विभिन्न प्रयोग प्रशिक्षकों द्वारा कराए गए। मुनि जितेंद्र कुमार जी ने कहा कि ध्यान का मूल लक्ष्य आत्मशुद्धि होना चाहिए। भाव क्रिया, प्रतिक्रिया विरती, मैत्री, मिताहार, मितभाषण ये पाँच प्रेक्षाध्यान के ध्येय सूत्र हैं। प्रेक्षाध्यान मानवजाति के लिए आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी की एक बहुत बड़ी देन है। ध्यान के द्वारा व्यक्ति अपनी भावधारा को निर्मल बना सकता है।
कार्यक्रम में मुनि सुधांशु कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों को आगे भी निरंतर जारी रखने की प्रेरणा दी। मुनि अनुशासन कुमार जी ने वर्तमान लाइफ स्टाइल में ध्यान की उपयोगिता पर व्याख्यान किया। मुनि अनेकांत कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान के सिद्धांतों पर वक्तव्य दिया। शिविर में मुख्य प्रशिक्षक मीना साबद्रा एवं सहयोगी धीरेंद्र बोथरा ने ध्यान के विविध प्रयोग करवाए। तेरापंथी सभा मंत्री रतनलाल छल्लानी ने आभार ज्ञापन किया। शिविर के संचालन में तेरापंथी सभा एवं तेयुप के सदस्यों का सहयोग रहा।