अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

धर्म बोध
शील धर्म

प्रश्न 18 : ब्रह्मचर्य का पालन सावद्य है या निरवद्य?
उत्तर : ब्रह्मचर्य का पालन निरवद्य है, भगवान् की आज्ञा में है। चाहे उसका पालन मिथ्यात्वी ही क्यों न करता हो।

प्रश्न 19 : ब्रह्मचर्य को तप क्यों कहा है?
उत्तर : जिस क्रिया से आत्मा तपे, कष्ट की अनुभूति हो, दूसरों को संक्लेश न हो, ऐसी क्रिया को तप कहा जाता है। ब्रह्मचर्य के पालन में भी वैसी ही अनुभूति होती है, भीतरी विजातीय तत्त्वों से जूझना पड़ता है अत: ब्रह्मचर्य को घोर तप कहा है।

(क्रमश:)