त्रिदिवसीय जप अनुष्ठान संपन्न
मंडिया।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में दीपावली का त्रिदिवसीय अनुष्ठान व इतिहास का कार्यक्रम तेरापंथ भवन में संपन्न हुआ। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि वैदिक लोगों के अनुसार देवों के देव त्रयोदशी को धनवंतरी का जन्म हुआ था। आज कुबेर का खजाना खुला रहता है। जैन धर्म के अनुसार त्रयोदशी के दिन भगवान महावीर ने संथारा ग्रहण किया था। 16 प्रहर तक भगवान की देशना चली। इस देशना का सूत्रपात विपाकसूत्र और उत्तराध्ययन सूत्र के रूप में हुआ है। यह पर्व त्रिदिवसीय रूप में मनाया जाता है। यह पर्व प्रकाश का आमोद-प्रमोद, आनंद का पर्व है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि यह देवों का पर्व आदर्श बना है, भीतर का कूड़ा-कचरा अरिहंत राग-द्वेष को दूर करना है, सिर्फ घर की सफाई नहीं भीतर की भी सफाई करनी है। साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका प्रस्तुत की।