भक्तामर एवं बीजाक्षर कार्यशाला

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भक्तामर एवं बीजाक्षर कार्यशाला

कांटाबाजी।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में डॉ0 अर्चना विनय जैन की प्रस्तुति में तेरापंथ सभा द्वारा ‘भक्तामर बीजाक्षर कार्यशाला’ आयोजित हुई। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि भक्तामर स्तोत्र प्रभु ऋषभ की निष्काम भक्ति का एक अनुपम उदाहरण है। आचार्य मानतुंग ने श्रद्धा और भक्ति के सागर में निम्मजन करते हुए भगवान आदिनाथ के गुणों की जो स्तुति की है वो अनूठी है। भक्तामर स्तोत्र मंत्रों का खजाना है।
डॉ0 अर्चना, विनय जैन ने कहा कि गुरुदेव मानतंुग ने भगवान ऋषभ की भावपूर्ण स्तुति की। उनका उद्देश्य संकट निवारण नहीं अपितु भगवान के प्रति भक्ति करनी थी। डॉ0 अर्चना विनय जैन ने भक्तांमर स्तोत्र के अड़तालीस श्लोक के बीजमंत्र, सिद्धिमंत्र का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक प्रभाव को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया। ध्यान के विभिन्न प्रयोग के माध्यम से आनंदमय जीवन जीने का तरीका बताया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष युवराज जैन, तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन, तेममं अध्यक्ष बॉबी ने मोमेंटो प्रदान कर डॉ0 अर्चना का सम्मान किया। कार्यक्रम में केसिंगा, बोरड़ा, कुरसुड, चांदोतारा, सिंधिकेला, बगुमुंडा, बेलपाड़ा, रामपुर, पटनागढ़, बारडोली, विजयनगरम्, कटक, अंबिकापुर, दिल्ली, बोबली क्षेत्र के लिए सहभागी बने।