कायोत्सर्ग प्रयोग से मिलती है - स्वस्थता

संस्थाएं

कायोत्सर्ग प्रयोग से मिलती है - स्वस्थता

साहूकारपेट।
दर्शन क्लब की सदस्याओं को कायोत्सर्ग प्रयोग करवाने से पूर्व साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि प्रेक्षाध्यान साधना पद्धति तेरापंथ धर्मसंघ द्वारा मानव जाति को समर्पित विशिष्ट अवदान है। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने प्रेक्षाध्यान पद्धति देकर मानव सेवा का महान कार्य किया है। लगभग 50 वर्षों से चल रही इस साधना ने मात्र भारत में ही नहीं विदेशों में भी व्यापक स्थान बनाया है। प्रेक्षाध्यान के अनेक प्रयोग हैं जिनसे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रोगों से निजात पाई जा सकती है। प्रेक्षाध्यान का मूल उद्देश्य आत्मदर्शन और चित्त शुद्धता है। जब चित्त की शुद्धि होती है, तब स्वस्थता की प्राप्ति संभव है।
साध्वीश्री द्वारा लगभग 45 मिनिट तक कायोत्सर्ग का विशेष प्रयोग करवाया गया। क्लब की मुख्य सदस्या वंदना खटेड़ सहित लगभग 36 बहनों ने संभागिता दर्ज की। कविता सांड, मीना, सुंदेशा एवं अनिता मूथा सहित सभी बहनों ने अपने अनुभव साझा किए। वंदना खटेड़ ने आभार ज्ञापन किया।