श्रामण धर्म के सम्यग् पालन से होता है इहलोक और परलोक हित: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

श्रामण धर्म के सम्यग् पालन से होता है इहलोक और परलोक हित: आचार्यश्री महाश्रमण

छोटी खाटूवासी हुए निहाल - उपहार में मिला-2026 का मर्यादा महोत्सव

छोटी खाटू, 18 नवंबर, 2022
छोटी खाटू प्रवास का दूसरा दिन। जिन शासन के उज्ज्वल नक्षत्र आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि श्रमण धर्म बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। श्रमण धर्म का पालन करने वाला धृति संपन्न हो। कामों का निवारण करने का प्रयास करने वाला हो। संकल्पों के वशीभूत न हों। ऐसा योग्य व्यक्ति ही श्रमण धर्म का अच्छा पालन कर सकता है।
श्रमण धर्म पालने वालों में भी तारतम्य हो सकता है। कोई पूनम के, कोई दशमी के, कोई दूज के चाँद के समान हो। पर श्रमण स्तवनीय, नमनीय, नमस्करण्य और प्रणम्य होता है। शास्त्रकार ने कहा है कि श्रमण धर्म का सम्यग् पालन करने से ईहलोक और परलोक हित भी होता है। मृत्यु के पश्चात सुगति की प्राप्ति होती है। श्रमण धर्म के पालन के लिए बहुश्रुत की उपासना करें। त्यागी साधु से ज्ञान मिलता है, तो जीवन में अच्छी दिशा और दशा की प्राप्ति हो सकती है। हमें आचार्य की वाणी सुनने से दिशा-निर्देशन मिल सकता है। ज्ञानी संत के प्रवचन से ज्ञान प्राप्त हो सकता है। उनके वार्तालाप से तत्त्वज्ञान मिल सकता है, यह एक प्रसंग से समझाया।
जो संत त्यागी है, बड़ा भागी है, उनकी पर्युपासना से बड़ा लाभ मिल सकता है। गुरु के तो पास बैठना अपने आपमें लाभदायी हो सकता है। प्रवचन सुनते-सुनते बहुत कुछ सीख सकता है। बहुश्रुत से प्रश्न करने से बात का स्पष्टीकरण हो सकता है। हमें बहुश्रुत से लाभ उठाने का प्रयास करना चाहिए। सन् 2026 का मर्यादा महोत्सव पूज्यप्रवर ने छोटी खाटू में घोषणा करवाई। छोटी खाटू की मुमुक्षु खुशबू की साध्वी दीक्षा भी पूज्यप्रवर ने सिरियारी में 8 दिसंबर को देने की घोषणा करवाई। पूज्यप्रवर की अभिवंदना में छोटी खाटू में चातुर्मास करने वाली साध्वी ललितप्रभा जी डेगाना चातुर्मास कर पधारी साध्वी संपूर्णयशा जी ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। पूज्यप्रवर ने दोनों सिंघाड़ों को आशीर्वचन फरमाया।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि वह क्षेत्र धन्य हो जाता है, जिस क्षेत्र के वासी-प्रवासी उसी क्षेत्र में हैं और उसी क्षेत्र में पूज्यप्रवर ने मर्यादा महोत्सव फरमाए, इससे अधिक प्रसन्नता की और क्या बात हो सकती है। पूज्यप्रवर नए-नए कार्य कर लोगों में प्राणों की शक्ति का संजीवन रस बरसाते हैं। आचार्यप्रवर ने खाटूवासियों को जगा दिया। साध्वीवर्या सम्बुद्धयशा जी ने कहा कि आचार्यप्रवर ने छोटी खाटू पर कृपा करवाई है। छोटी खाटूवासी पूज्यप्रवर को मुमुक्षु के रूप में और आध्यात्मिक भेंट देने का प्रयास करें। स्वाध्याय के महत्त्व को समझाया। गुरु हमारी जिज्ञासा का समाधान करने वाले होते हैं।
मुख्य मुनि महावीर कुमार जी ने कहा कि परमपूज्य गुरुदेव एक वरदानी पुरुष हैं। वे ऐसे वरदान प्रदान करवाते हैं कि सामने वाली जनता अपने हर्ष को भी प्रकट नहीं कर पाती है। छोटी खाटूवासी तो एक संघीय कार्यक्रम की माँग कर रहे थे और परम पावन ने एक मर्यादा महोत्सव जैसा गरिमामय आयोजन छोटी खाटू को बख्साया है। छोटी खाटूवासियों का उत्साह बढ़ता रहे।
पूज्यप्रवर की अभिवंदना में छोटी खाटू की बोधार्थी दिव्या, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा नीलम सेठिया, युवक रत्न प्रफुल्ल बेताला, व्यवस्था समिति अध्यक्ष बाबूलाल धारीवाल, सभाध्यक्ष ताराचंद धारीवाल, ज्ञानशाला ज्ञानार्थी, जैविभा कोषाध्यक्ष विमलचंद भंडारी, प्रेमसिंह चौधरी, रणवीर सिंह, बीजेपी से जीतेंद्र जोधा, एडीएम भुराराम चौधरी, महासभाध्यक्ष मनसुख सेठिया ने अपनी भावनाएँ अभिव्यक्त कीं। तेयुप ने समूह गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।