साधु-संतों की संगत होती है कल्याणकारी: आचार्यश्री महाश्रमण
रताऊ, 15 नवंबर, 2022
अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण जी आज प्रातः लगभग 15 कि0मी0 का विहार कर रताऊ के कृष्णा महाविद्यालय पधारे। परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी ने पावन प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि सत्संगत का महत्त्वपूर्ण स्थान है। साधुओं की संगति कल्याणकारी बन सकती है। थोड़ी देर की सत्संगति भी अच्छी हो सकती है। साधुओं के दर्शन तो अपने आपमें पुण्य हैं। साधु जंगम तीर्थ होते हैं, उसका फल मिलता है। हरिकथा और संत समागम दुर्लभ है। अच्छे लोगों की संगति से अच्छे संस्कार मिलने की संभावना रहती है। बुरा देखो मत, बुरा सुनो मत, बुरा बोलो मत, और बुरा तो सोचो भी मत।
ज्ञान से विज्ञान, हेय-गेय का बोध प्रत्याख्यान हो जाते हैं। प्रत्याख्यान करने से संयम, संवर, तपस्या और निर्जरा होती है। करते-करते चौदहवाँ गुण-स्थान आ जाएगा, अक्रिया हो जाएगी और सिद्धि-मोक्ष तैयार है। इस तरह से साधु की पर्युपासना करने से दस लाभ बताए गए हैं। श्रवण, ज्ञान, विज्ञान, प्रत्याख्यान, संयम, संवर, तपस्या, अव्यवधान, अक्रिया और सिद्धि। ‘सत्संगत से सुख मिलता है’ गीत का सुमधुर संगान पूज्यप्रवर ने करवाया। इसको एक कथानक से भी समझाया कि संगति से दोष आ जाते हैं। विद्यालय में विद्यार्थी को ज्ञान के साथ अच्छे संस्कार भी मिले। सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति के संस्कार उनके दिमाग में शिक्षक डालते रहें। संस्कारयुक्त शिक्षा हो। रताऊवासियों को अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्पों को समझाकर स्वीकार करवाया।
देशनोक का चातुर्मास संपन्न कर मुनि आकाश कुमार जी, मुनि हितेश कुमार जी ने पूज्यप्रवर के दर्शन किए। दोनों ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। वहाँ के श्रावक हनुमान सिपानी ने भी पूज्यप्रवर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। पूज्यप्रवर ने फरमाया कि देशनोक में पहले साध्वी हुलासां जी का लंबा प्रवास हुआ। उनके बाद हम भी वहाँ गए थे। मुनि आकाश और मुनि हितेंद्र का समूह बनाकर देशनोक चातुर्मास हेतु भेजा था। मुनि हितेंद्र के तो 2500 एकासन हो गए। श्रमपूर्ण चातुर्मास करके आए हैं। खूब विकास होता रहे। कृष्णा महाविद्यालय के प्रधान कृष्ण गोपाल, गाँव के प्रधान हनुमान कासणिया, सरपंच हुकमसिंह ने पूज्यप्रवर के दर्शन किए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। विद्यालय के संरक्षक नानुराम ने भी पूज्यप्रवर के दर्शन किए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि दिनेश कुमार जी ने समझाया कि रताऊ में आज धर्म गंगा आई है। आप धर्म लाभ लें।