गुरुदेव श्री तुलसी मानवता के मसीहा थे

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गुरुदेव श्री तुलसी मानवता के मसीहा थे

आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव के आयोजन

नाथद्वारा
शासनश्री मुनि रवींद्र कुमार जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का 109वाँ जन्म दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनि रवींद्र कुमार जी ने कहा कि चाँद में दाग हो सकता है पर तुलसी बेदाग हैं। आचार्य तुलसी महान संत हुए हैं। मुनि अतुल कुमार जी ने कहा कि बीसवीं सदी के आध्यात्मिक क्षितिज पर प्रमुखता से उभरने वाले एक महान संत आचार्यश्री तुलसी की पावन स्मृति का अर्थ है समाज और देश को उन्नति की दिशाओं की ओर अग्रसर करना। आचार्य तुलसी सचमुच सामान्य इंसान नहीं थे। वे धर्म, दर्शन, कला, साहित्य और संस्कृति के प्रतिनिधि ऋषि पुरुष थे। उनका संवाद, साहित्य, साधना, सोच अपने और संकल्प सभी मानवीय मूल्यों के उत्थान से जुड़े थे। जिनका हर संवाद संदेश बन गया। बालवय के संन्यास के पथ पर प्रस्थित होकर वे क्रमशः आचार्य, अणुव्रत, अनुशास्ता, राष्ट्रसंत एवं मानव कल्याण के पुरोधा के रूप में विख्यात हुए हैं।
इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान समारोह का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। जिसमें मीहिता चंडालिया, शिवम सामोता, निशका सोनी, हेतल डागलिया, मनीष डागलिया, श्रुति पोरवाल, सम्यक् पोरवाल, महिमा तलेसरा, प्रियंका चपलोत, हिमांशु जैन, चाहत सामोता, आयुष राठौड़, प्रणव चपलोत, विमल तलेसरा, चिनल तलेसरा, मनन जैन, तुलसीदास तलेसरा, सुमन कोठारी, पूनम तलेसरा, प्रियांक तलेसरा को विशेष दर्जा प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दीक्षि पोरवाल, दीशिता चंडालिया, श्रेया पोरवाल, आशी जैन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महिला मंडल अध्यक्षा रसीला सोनी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष शुक्रिया, अणुव्रत समिति कोषाध्यक्ष कमलेश धाकड़, मंजु मूथा एवं पूनम तलेसरा ने अपने विचार रखे। सभा अध्यक्ष निर्मल छाजेड़ ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री प्रियांक तलेसरा ने किया।