‘विनय को प्रतिष्ठित करता है आध्यात्म’ कार्यशाला का आयोजन
टी-दासरहल्ली।
तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में आयोजित ‘विनय को प्रतिष्ठित करता है आध्यात्म’ कार्यशाला में शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने कहा व्यक्ति अकेला नहीं जीता, वह परिवार व समाज के बीच में जीता है जहाँ परस्परता है तथा एक-दूसरे पर निर्भरता है। भगवान महावीर की वाणी के अनुसार जहाँ सौहार्द, अनुशासन एवं निगर्विता है वहाँ आध्यात्म है। इन महान सदगुणों को अपने जीवन में प्रतिष्ठित करने वाला विनीत होता है, ऋजुता सम्पन्न होता है। जीवन के हर मोड पर वह कसौटी के साथ खरा उतरता है।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा कि विनय शब्द परिवार और समाज को प्रतिष्ठित करता है। जहाँ विनय हैं वहाँ समर्पण है, लक्ष्मी है तथा आचरणात्मक जीवन शैली है।
साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी, साध्वी चेलनाश्रीजी ने विचार व्यक्त किए। सभा अध्यक्ष नवरतन गाँधी ने विचार रखे। इस अवसर पर तेरापंथ सभा ट्रस्ट परिवार, तेममं परिवार, तेयुप परिवार एवं दासरहल्ली व निकटतम क्षेत्रों के श्रावक-श्रविकाओं की उपस्थिति रही। संचालन सभा मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।