महावीर के सिद्धांत अतीत से आज ज्यादा उपयोगी
संगरूर।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी, मुनि देवेंद्र कुमार जी के सान्निध्य में भगवान महावीर का दीक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी अतीत से ज्यादा उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने अहिंसा संयम तप को धर्म की कसौटी बताया। उन्होंने कहा कि आज हिंसा, असंयम और भोग का क्रम बढ़ता जाता है इसलिए सर्वभ अशांति का माहौल देखने को मिल रहा है। अहिंसा, संयम और तप की त्रिवेणी द्वारा प्रत्येक व्यक्ति जीवन में अमन-चैन को प्राप्त कर सकता है।
मुनि देवेंद्र कुमार जी ने अपने विचारों द्वारा बताया कि सुख का साधन संयम है। आज सरकार भी पानी, बिजली के संयम की प्रेरणा दे रही है। असंयम से समस्या का कभी समाधान नहीं हो सकता। इच्छाओं को भोगकर कोई सुखी नहीं बन सकता, क्योंकि भगवान ने कहा-इच्छाएँ आकाश के समान अनंत हैं, सीमित श्वासों के द्वारा असीम इच्छाओं की पूर्ति कठिन है, इसलिए इच्छाओं पर नियंत्रण करके ही व्यक्ति सुख-शांति, आनंद को प्राप्त कर सकता है।
कार्यक्रम में मुनि आर्जव कुमार जी ने गीत एवं विचार प्रस्तुत किए। मुनि नमि कुमार जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अशोक जैन ने तपस्वी भाई विजय कुमार जैन के 133 आयंबिल एवं गायत्री देवी जैन के एक सौ इकतीस आयंबिल पर दोनों का परिचय देते हुए साधुवाद दिया। विजय कुमार जैन का स्वागत विजय गुप्ता, डॉ0 आर0सी0 जैन, सोमनाथ जैन ने तथा गायत्री बहन का सम्मान मीना जैन, सुषमा मित्तल, सुषमा जैन, कृष्णा जैन ने किया। रविवारीय जाप कुंदन जैन के निवास स्थान पर दिन में 2 से 4ः30 तक रखा गया। प्रत्येक रविवारीय जाप की जिम्मेदारी युवक परिषद के अध्यक्ष-मंत्री ने ली। कार्यक्रम में दो-दो सामायिक का क्रम व्यवस्थित रहा।