श्रावक सम्मेलन का आयोजन
कानपुर।
गुरुकृपा से साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी का चातुर्मास कानपुर मिला। साध्वीवृंद ने धर्म की लौ जलाकर जन-जन की आत्मा को आलोकित किया। साध्वीश्री जी के सान्निध्य में अनेकानेक आध्यात्मिक कार्यक्रम हुए। इसी कड़ी में तेरापंथी सभा द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय श्रावक सम्मेलन साध्वीश्री जी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ज्ञानार्थी मीत भूतोड़िया ने पार्श्वनाथ स्तुति से मंगलाचरण किया। कानपुर सभा अध्यक्ष धनराज सुराणा ने आगंतुक श्रावक समाज का स्वागत किया। साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी ने कहा कि भैक्षव शासन प्राणवान एवं अनुशासित धर्मसंघ है। संघ के साधु-साध्वी धर्मसंघ की प्रभावना बढ़ाने में लगे हुए हैं।
साध्वी भावनाश्री जी ने कहा कि श्रावक-श्राविका के बिना साधु-साध्वी की संयम यात्रा नहीं चल सकती तो साधु-साध्वी के बिना श्रावक का आध्यात्मिक विकास नहीं हो सकता। साध्वी सुधा कुमारी जी ने श्रावक सम्मेलन विषय पर गीत प्रस्तुत किया। साध्वी दीप्तियशा जी ने कविता प्रस्तुत की। तेयुप, कानपुर अध्यक्ष दिलीप मालू, पूर्व अध्यक्ष गणेशमल जम्मड़, महासभा सदस्य धनेश भूतोड़िया, तेजकरण बुच्चा, मिर्जापुर से भीखण सेठिया, रायबरेली से नम्रता जैन आदि ने अपने विचार रखे।
तेममं अध्यक्ष शालिनी बुच्चा ने अपनी टीम की बहनों एवं तेयुप के साथ गीत प्रस्तुत किया। प्रियंका और ऋतु जैन ने महावीर स्तुति की। धनराज सुराणा ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। निवर्तमान अध्यक्ष पूनमचंद सुराणा ने आभार ज्ञापन किया। सम्मेलन का संचालन मंत्री संदीप जम्मड़ ने किया। साध्वीश्री के मंगलपाठ के पश्चात साध्वी दीप्तियशा जी ने रोचक प्रतियोगिता कराई। इस सम्मेलन में लखनऊ, रायबरेली, मिर्जापुर एवं कानपुर के अनेक श्रावक उपस्थित थे।