तपस्या की गंगा

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तपस्या की गंगा

भिलोड़ा।
मुनि डॉ0 मदन कुमार जी के सान्निध्य में महावीर भवन में तप अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया। समारोह में मुनि मदन कुमार जी ने कहा कि भिलोड़ा उत्तर गुजरात का श्रद्धा का विशिष्ट क्षेत्र बन गया है। मात्र सात परिवारों में चातुर्मास होना एक विलक्षण घटना है। परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी की अनुपम कृपा का फल है। मुनिश्री ने कहा कि तपस्या आत्म शोधन का मार्ग है। जन्म-जन्मांतर के संचित कर्म तप की आराधना से क्षीण हो जाते हैं। तपस्या का उद्देश्य मात्र निर्जरा और मोक्ष होना चाहिए।
प्रमिलादेवी पोखरना एवं प्रमिला देवी दक ने मासखमण-31 दिन की तपस्या करके तपस्या के क्षेत्र में कीर्तिमान बनाया है तथा भारी मनोबल का परिचय दिया है। इन दोनों मेवाड़ी बहनों के वर्षीतप भी चल रहा है। माहेश्वरी परिवार की स्नेहलता मूंदड़ा ने ग्यारह और तेरह की तपस्या करके महान कार्य किया है। मुनि मदन कुमार जी ने कहा कि तपस्या आत्मोदय का श्रेष्ठ आलंबन है तथा धर्मसंघ की प्रभावना का महत्त्वपूर्ण घटक है। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष महावीर चावत, मंत्री बाबूलाल दक, विकेश कुमार दक, तेममं की अध्यक्षा रेखा भटेवरा, मंत्री टीना चावत, दिलीप पोखरना, विकास पोखरना, श्रद्धा दुगड़, मंजु-चेतना पोखरना आदि ने तपस्वियों की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन मुनि सिद्धार्थ कुमार जी ने किया।
अहमदाबाद से समागत अदिती सेखानी ने मुनि मदन कुमार जी के दर्शन कर महिला मंडल एवं ज्ञानशाला का अवलोकन किया। अदिती सेखानी ने मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। सूरत से समागत प्रवीण मेड़तवाल, भावेश हिरण, राहुल खोखावत एवं विशाल माडका ने मुनि मदन कुमार जी के दर्शन कर ज्ञानशाला के बालक-बालिकाओं का कंठस्थ ज्ञान एवं संगीत प्रस्तुति का श्रवण किया। प्रवीण मेड़तवाल ने मुनि मदन कुमार जी के कर्तृत्व की सराहना की। तेरापंथी सभा ने सभी अतिथियों का साहित्य से सम्मान किया।