मंगलभावना समारोह के आयोजन
माधावरम्, चेन्नई
मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में चातुर्मासिक परिसंपन्नता के अवसर पर त्रिदिवसीय मंगलभावना समारोह का शुभारंभ हुआ। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि बहता हुआ पानी और रमता हुआ योगी पवित्र रहते हैं। विहार चर्या साधु के लिए कल्याणकारी है। माधावरम् का प्रवास सुखानुभूति से परिपूर्ण रहा। यहाँ के श्रावकों के परिवार की श्रद्धा प्रशंसनीय एवं अनुमोदनीय ही नहीं अनुकरणीय है। श्रावकों की विवेक चेतना जागृत है।
मुनिश्री ने कहा कि माधावरम् तो वह पावन भूमि है जहाँ आचार्यश्री महाश्रमण जी ने 2018 का चातुर्मास कर ऊर्जा और पवित्रता से परिपूर्ण कर दिया था। चातुर्मासिक चतुर्दशी के अवसर पर हाजरी का वाचन किया गया। मुनि नरेश कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। मंगलभावना समारोह में अकलकंवर रांका, नीलम आच्छा, सुनीता डागा, डागा परिवार की बहुएँ, ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाएँ, जैन तेरापंथ नगर की बहनें, साहुकारपेट ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी विमल चिप्पड़, प्रकाशबाई संचेती ने मुनिश्री को चातुर्मास संपन्नता पर मंगलभावनाएँ संप्रेषित की। माधावरम् ट्रस्ट ने अनुदानदाता एवं कार्यकर्ताओं का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण सुराणा ने किया।