मंगलभावना समारोह के आयोजन
विशाखापटनम्
तेरापंथ भवन में मुनि दीप कुमार जी, सहवर्ती संत बाल मुनि काव्य कुमार जी का मंगलभावना समारोह एवं मुनि दीप कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘प्रतिभा और पुरुषार्थ के संगम-मुनि राकेश’ भेंट समारोह भी आयोजन तेरापंथी सभा द्वारा हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद जी0बी0एल0 नरसिम्हा राव उपस्थित थे। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि मंगलभावना समारोह प्रमोद भावना का प्रतीक है। संतों के प्रति मंगलभावना कर रहे हैं। आप हमारे प्रति करते हैं और हम आपके प्रति। सबके प्रति मंगलभावना के फूल चढ़ाएँ। गुरुकृपा से विशाखापटनम् चातुर्मास करने आए और प्रस्थान का समय आ गया। विशाखापटनम् अच्छा क्षेत्र है। हम सौभाग्यशाली हैं ऐसा संघ और ऐसे गुरु मिले। हमारे गुरु आचार्यश्री महाश्रमण जी तो इस कलयुग में सतयुग के अवतार हैं।
मुनि काव्य कुमार जी का श्रम रहा। यहाँ की तेरापंथ सभा, तेयुप, महिला मंडल, टीपीएफ सभाओं की सेवा मिली। सभा का मुख्य योगदान रहा। चंपालाल डूंगरवाल अध्यक्ष हैं, उन्होंने बहुत निष्ठा से दायित्व संभाला है। मुनिश्री ने अनेकों श्रावक-श्राविकाओं का उल्लेख करते हुए झब्बरमल बुच्चा, हिम्मत भरत हीरावत, विनीत गोलछा सहित अनेक जनों की सेवाओं का उल्लेख किया
मुनिश्री ने स्वयं द्वारा लिखित पुस्तक के संदर्भ में कहाµ‘प्रतिभा और पुरुषार्थ के संगम-मुनि राकेश’ बहुत प्रेरक है। शासन गौरव मुनि राकेश कुमार जी प्रतिभा और पुरुषार्थ के अद्भुत संगम थे। हमारे धर्मसंघ के विशिष्ट संत थे। गुरुओं के कृपा पात्र थे। तीन-तीन अलंकरण उन्हें प्राप्त हुए। वे साहित्यकार थे एवं एक कुशल वक्ता थे। मुनिश्री के सान्निध्य में रहने का 13 वर्ष अवसर मिला। मुनिश्री मेरे परम उपकारी हैं। यह ग्रंथ गुरु कृपा से आया है। पुस्तक के कार्य में निर्मल बैंगाणी का समय और श्रम लगा।
ऋषभ सुराणा का श्रम रहा। मुख्य अतिथि जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि ग्रंथ का प्रकाश अभिनंदनीय है। ऐसे संतों का जीवन संदेश होता है। मुझे मुनि दीप कुमार जी के दूसरी बार दर्शन का सौभाग्य मिला है। बाल मुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि गुरु कृपा से प्रथम बार अठाई करने का अवसर मुझे यहाँ मिला। अच्छा ज्ञान-ध्यान हुआ।
कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष चंपालाल डूंगरवाल, तेयुप अध्यक्ष राजेश सुराणा, तेममं अध्यक्षा वंदना विनायकिया, टीपीएफ अध्यक्षा प्रेक्षा नाहटा, अभातेयुप सदस्य ऋषभ सुराणा सहित अनेक पदाधिकारी एवं सदस्यों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण और गीत का संगान किया। संचालन निशा कुंडलिया ने किया।