ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान

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ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान

मंडिया।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में ज्ञान पंचमी कार्यक्रम रखा गया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने ज्ञान पंचमी की महिमा बताते हुए कहा कि पठन और पाठन में श्रावक-श्राविका वर्ग बहुत पीछे है। इस धारा को तोड़ना होगा, ज्ञान के क्षेत्र में अपना पुरुषार्थ करना होगा। पहले का समय था जहाँ हर घर पर पाठशाला होती थी और एक आज का समय है जो संघ की पाठशाला में भी अपनी संतानों को भेजते ही नहीं हैं। माता-पिता को जागरूक होना होगा। ज्ञान पंचमी के पवित्र दिन निर्णय करना है कि नित्य हम नया ज्ञान प्राप्त करेंगे। ज्ञान जीवन में नम्रता लाता है। ज्ञान प्राप्ति हेतु 10 वस्तु आवश्यक हैं-निरोगी शरीर, बुद्धि, विनय, उत्साह, शास्त्रों के प्रति प्रेम, गुरु का सान्निध्य, पुस्तक, स्थल, स्वाध्याय, संतुलित भोजन।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि ज्ञान के अभाव में मनुष्य नेत्रवान होते हुए भी अंधा, मानव होते हुए भी पशु समान है। लौकिक, पारलौकिक संपति का मूल ज्ञानी है। साध्वी मेरूप्रभा जी ने साध्वी दक्षप्रभा जी ने सरस्वती स्तुति प्रस्तुत की। उपस्थित सभी श्रावक-श्राविकाओं ने साधना करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक ने विचार व्यक्त किए। मंत्री महावीर भंसाली, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा बाफना, मंत्री पूनम बोहरा, तेयुप अध्यक्ष प्रवीण दक, प्रमोद भंसाली, राकेश भंसाली, नेमीचंद सेठिया, मांगीलाल बुरड़ आदि अनेक श्रावक-श्राविका उपस्थित थे।