सप्तगंठी अनुत्तर पंच परमेष्ठी आत्मरक्षा कवच अनुष्ठान

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सप्तगंठी अनुत्तर पंच परमेष्ठी आत्मरक्षा कवच अनुष्ठान

कोटा।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, गुलाबबाड़ी में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में भगवान महावीर निर्वाण दिवस एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर सप्तगंठी अनुत्तर पंच-परमेष्ठी आत्मरक्षा कवच अनुष्ठान का कार्यक्रम आयोजित हुआ। सैकड़ों भाई-बहनों ने इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लेकर नई ऊर्जा की अनुभूति की। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि ज्योति के अवतार भगवान महावीर आज के दिन ज्योतिर्मय बन गए। भगवान महावीर के निर्वाणोत्सव पर देवताओं ने दीप जलाकर दिवाली मनाई। हम भी अपने जीवन में समता, क्षमा, मैत्री, करुणा, प्रेम, सौहार्द, सामंजस्य, सरलता, सहजता, निस्पृहता, अहिंसा का दीप जलाकर महावीर बनने की दिशा में प्रशस्त करें।
साध्वीश्री जी ने कहा कि आज सूर्यग्रहण भी है। ग्रहण के समय ज्यादा-से-ज्यादा जप-अनुष्ठान एवं मंत्र-साधना करनी चाहिए। मंत्राधिराज महामंत्र पर आधारित यह अनुष्ठान अपने आपमें अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। मंत्र की अद्भुत, विलक्षण एवं अनुत्तर शक्ति का अनुभव करें एवं जीवन को आलोकित करें। साध्वी कणिकाश्री जी, साध्वी डॉ0 सुधाप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने भगवान महावीर निर्वाणोत्सव पर स्वतन का संगान किया। सभा मंत्री धर्मचंद जैन ने कहा कि धर्मसंघ की प्रख्यात प्रबुद्ध एवं प्रवचनकार साध्वीश्री का पावास प्राप्त कर कोटा क्षेत्र निहाल हो गया। इस महाप्रभावक अनुष्ठान में साध्वीश्री जी ने सभी के भीतर अनुपम ऊर्जा का संचार किया है। संपूर्ण श्रावक समाज की ओर से हार्दिक कृतज्ञता। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने विचार रखे एवं साध्वी सुधाप्रभा जी ने आगामी कार्यक्रमों की सूचना संप्रेषित की।