शीलवती सोना नाटका का मंचन
कांदिवली।
तेरापंथ भवन के ऑडिटोरियम में शीलवती सोना के नाटक का मंचन किया गया। भारतीय इतिहास के गौरवमय पृष्ठों की सजीव प्रस्तुति तेममं एवं कन्या मंडल, कांदिवली ने बखूबी की। साध्वी निर्वाणश्री जी की प्रेरणा एवं साध्वी योगक्षेमप्रभा जी के मार्गदर्शन में शील एवं सदाचार की इस प्रेरक गाथा ने सबका मन मोहा। साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि शील नारी जीवन का शंृगार है, उसकी सुरक्षा के लिए उसने हर चुनौती को झेला है। शील एक त्रैकालिक सत्य है। उसकी महिमा अतीत में थी, वर्तमान में है और भविष्य में रहेगी। साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि जैन धर्म में 16 महासतियों का जीवन चरित्र सबके लिए प्रेरणास्पद रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई, जिसे तेममं की बहनों ने प्रस्तुति दी। एसटीएमएफ के अध्यक्ष विनोद बोहरा, तेरापंथी सभा, कांदिवली के अध्यक्ष पारस दुगड़, तेममं संयोजिका नीतू नाहटा ने सामयिक प्रस्तुति दी। आभार ज्ञापन तेयुप के अध्यक्ष नवनीत कच्छारा ने किया। संचालन भारती सेठिया तथा नाटक का संयोजन नूतन लोढ़ा ने किया। अलका पटावरी, इशिका पिंचा, नीतू नाहटा सहित सभी ने अपने-अपने पात्रों की जीवंत प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी प्रतिभागियों को एसटीएमएफ द्वारा पुरस्कृत किया गया।