बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन
आमेट।
अभातेयुप के निर्देशानुसार तेयुप द्वारा बारह व्रत साप्ताहिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में आयोजित हुई। इस कार्यशाला का शुभारंभ तेयुप अध्यक्ष पवन कच्दारा द्वारा सुमधुर गीतिका के संगान से हुआ। स्वागत उद्बोधन तेयुप अध्यख पवन कच्छारा द्वारा किया गया। साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने बारह व्रतों के महत्त्व को समझाते हुए कहा कि किए हुए कर्मों की निर्जरा एवं नवीन कर्मों को रोकने का सशक्त साधन है-व्रत दीक्षा।
यह श्रावक जीवन का सबसे बड़ा खजाना है। व्रत दीक्षा में व्यक्ति अपने विवेक से छोटे-छोटे नियमों का पालन कर अपनी इच्छाओं को संयमित करता है एवं अपनी जीवनशैली को संतुलित बनाए रखता है। कार्यशाला में 75 श्रावक-श्राविकाओं ने 11 या 12 व्रतों को स्वीकार, 1 -2 वर्ष या आजीवन के लिए व्रत दीक्षा स्वीकार की। इस अवसर पर चातुर्मास संपन्नता पर श्रावक समाज ने उपहार के रूप में व्रत दीक्षा भेंट की। इस व्रत कार्यशाला में तेरापंथ सभा अध्यक्ष देवेंद्र मेहता, मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता, महिला मंडल अध्यक्ष मीना गेलड़ा, मंत्री संगीता पामेचा, तेयुप मंत्री विपुल पितलिया आदि की उपस्थिति रही। व्रत दीक्षा में उपस्थित संपूर्ण श्रावक समाज का आभार तेयुप अध्यक्ष पवन कच्छारा ने किया।