अणुव्रत अपसेट को सैट करता है
गांधीनगर।
तेरापंथ भवन में मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि अति भोगवादी संस्कृति ने व्यक्ति को हिंसा के कगार पर ले जाकर खड़ा कर दिया है। मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए जिन संसाधनों का आविष्कार किया है वही साधन उसे समस्या के चक्रव्यू में फँसाते जा रहे हैं। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत का शंखनाद फूँका व छोटे-छोटे नियमों के द्वारा व्यक्ति के रूपांतरण की बात कही। उन्होंने कहा आदमी और कुछ बने या नहीं बने पहले ‘गुड मैन’ बने।
सहयोगी संत मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि नाम एक है पर कर्तृत्व व वक्तृत्व अनेक। गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत की दीपशिखा से जगत का अंधेरा दूर किया। मुनि जयदीप कुमार जी ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम में अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल पोरवाल, प्रेक्षा संगीत सुधा ने गीत की प्रस्तुति दी। तेममं एवं अणुव्रत समिति ने गीत की प्रस्तुति दी। शांति सकलेचा एवं हेमलता बुच्चा ने अपने विचार व्यक्त किए।