नैतिक शिक्षा एवं नशामुक्ति कार्यक्रम

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नैतिक शिक्षा एवं नशामुक्ति कार्यक्रम

पाली।
पुनायता रोड स्थित मधुरम विद्या मंदिर में मुनि तत्त्वरुचि जी ‘तरुण’ के सान्निध्य में स्कूल में नैतिक शिक्षा और नशामुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुनिश्री की प्रेरणा से विद्यार्थियों ने जीवन में नैतिकता के पथ पर चलने की प्रतिज्ञा के साथ आजीवन नशामुक्त रहने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि अनैतिकता के इस दौर में नैतिकता से जीवन-यापन करने वाले के सामने कठिनाइयाँ तो आ सकती हैं, लेकिन जो संकल्पवान होता है, वह कभी हार नहीं मानता। उन्होंने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, किंतु परास्त नहीं।
मुनि संभव कुमार जी ने कहा कि नैतिकता नहीं हो तो विद्या व्यर्थ है। नैतिकता इंसान की सबसे बड़ी निधि है और सबसे बड़ी ताकत। उन्होंने बताया कि रावण ताकतवर होकर भी राम-लक्ष्मण से हार गया और मारा गया, कारण उसमें नैतिकता का अभाव था। कार्यक्रम के प्रारंभ में इचरजदेवी, तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री दीपिका वैद, रश्मि बाफना, नीलम कुंडलिया, विमला ने अणुव्रत गीत का संगान किया। स्कूल संस्था प्रधान मानमल मनोज कुमार बाफना ने समागत अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन जैन युवा संगठन के अध्यक्ष राकेश कुंडलिया ने और आभार ज्ञापन स्कूल प्रधानाध्यापक दलपत सिंह ने किया।
इस अवसर पर भंवरलाल कुंडलिया, रोशनलाल बाफना, किशनलाल हिरण, मनीष बाफना, राधेश्याम मुंदड़ा, सूरजमल वेगानी, शिक्षक हिम्मत सिंह, रतन सिंह उपस्थित थे। तेरापंथ सभा की ओर से स्कूल प्रबंधकों का दुपट्टा पहनाकर व साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया।