सुप्तशक्यिों का जागरण प्रेक्षाध्यान से
टी-दासरहल्ली।
तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का शुभारंभ साध्वीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्रोचार एवं प्रेक्षा प्रशिक्षिका तथा तेरापंथ महिला मंडल द्वारा प्रेक्षा गीत के संगान से हुआ। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने कहा कि बौद्धिक एवं भौतिक विकास यात्रा के अनेकानेक रूप आज विश्व मानव के समक्ष हैं। अति शीघ्र विध्वंसकारी हथियारों का निर्माण त्रासदी उत्पन्न कर रहा है। पक्ष-प्रतिपक्ष हर राष्ट्र में स्वयं की सुरक्षा का सावल उपस्थित होता ही रहता है। ऐसे वातावरण में आत्म-शान्ति व आत्म-सुरक्षा के लिए ऐसा ध्यान ही सुरक्षा कवच है। इस विकास यात्रा में हर समस्या का समाधान है।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि प्रेक्षाध्यान साधना से सुप्त शक्तियों का जागरण, संवर्धन व संरक्षण होता है। प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका रेणु कोठारी व पूजा गुगलिया ने प्रेक्षाध्यान पद्धति के बारे में विस्तार से बताया तथा महाप्राण ध्वनि के साथ श्वास प्रेक्षा के प्रयोग करवाए। शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि प्रेक्षाध्यान स्वयं से स्वयं की पहचान है। इस ध्यान योग से ही हम मंजिल तक पहुंच सकते हैं। साध्वीवृंद ने गीत का संगान किया। सभा द्वारा प्रशिक्षिकाओं का अभिनंदन किया गया। सभा संस्थापक अध्यक्ष लादुलाल बाबेल, तेममं अध्यक्षा रेखा मेहर, तेयुप अध्यक्ष दिलीप पोखरना ने विचार रखे । इस अवसर पर तेरापंथ सभा ट्रस्ट परिवार, तेममं, तेयुप परिवार एवं दासरहल्ली व निकटतम क्षेत्रों से सकल जैन समाज के श्रावक-श्रविकाओं की उपस्थिति रही। संचालन सभा मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।