चातुर्मासिक एकाशन तप अभिनंदन

संस्थाएं

चातुर्मासिक एकाशन तप अभिनंदन

साहूकारपेट।
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में पूजा वैद मूथा के चातुर्मासिक एकाशन तप की अनुमोदना की गई। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि जैन दर्शन में आत्मा केंद्रीय स्थान पर है। संपूर्ण साधना का एक मात्र आधार हमारी आत्मा है। समाधान की भाषा में कहा गया नकारात्मक सोच से बचने का प्रयास और अठारह पापों से आत्म-सुरक्षा करें। इन्हें छोड़ने की साधना करें।
साध्वीश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर का प्रायोगिक दर्शन हमें प्राप्त है। महावीर ने कहा कि आश्रव को कम करने, रोकने का संकल्प करें। तप के साथ ज्ञान की यात्रा भी चलती रहे। साध्वीवृंद ने तप अनुमोदन गीत प्रस्तुत किया। तपस्विनी बहन की माँ, पट्टालम स्कूल की प्रशिक्षिका लता बहन ने पुत्री के तप के प्रति शुभकामना की। सभा के मंत्री अशोक खतंग ने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ सभा द्वारा पूजा वैद मूथा एवं प्रवीण वैद मूथा का सम्मान किया गया।