दीक्षार्थी मुमुक्षु मुदित जैन की शोभायात्रा एवं मंगलभावना समारोह
रोहिणी, दिल्ली।
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी मुमुक्षु मुदित जैन की शोभायात्रा एवं मंगलभावना समारोह का आयोजन रखा गया। तेरापंथी सभा, दिल्ली एवं रोहिणी सभा के संयुक्त तत्त्वावधान में कार्यक्रम संपादित किया गया। इस अवसर पर साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा कि साधना की दिशा में प्रस्थान का संकल्प विलक्षण चिंतन की फलश्रुति है। भैक्षव-शासन नंदनवन है, जहाँ सदैव कल्पवृक्ष हर व्यक्ति की आशा पूर्ण करते हैं। साध्वीश्री जी ने कहा कि दुनिया की नजरों में दीक्षा स्वीकार करना कठिन है। आत्मबल के सहारे अध्यात्म की नौका से तुम्हें भव सागर तरना है। तेरापंथ की दीक्षा-समर्पण की दीक्षा है, मर्यादा और अनुशासन में रहने की परीक्षा है। एक गुरु की पावन सन्निधि में साधना के सौपान पर चढ़ मंजिल पाने का अवसर है।
साध्वी कांतयशा जी ने कहा कि मुदित शाश्वत आलोक हमारे भीतर है, तुम्हारा पुरुषार्थ उस आलोक को निश्चित प्राप्त करेगा तथा स्वयं का कल्याण कर तेरापंथ धर्मसंघ को गौरवान्वित करो, मंगलकामना। साध्वी सौभाग्ययशा जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक गुरु के अनुशासन एवं मर्यादा के परकोटे में रहकर नित नई एवं ऊँची सोच के द्वारा सफलता का स्पर्श कर रहा है। इस अवसर पर साध्वी कुंदनरेखा जी सहित साध्वियों ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ।
रोहिणी ज्ञानशाला के बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मुदित की वर्धापना की एवं ज्ञानशाला प्रशिक्षक, पशिक्षिकाओं एवं कार्यकर्ताओं ने सुमधुर गीत का संगान कर मुदित के मंगल भविष्य की मंगलकामना की। तेरापंथी सभा, रोहिणी के अध्यक्ष विजय जैन ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत कर मुदित को कहा कि बेटे, मुनि बन पुनः रोहिणी में आना और अपने ज्ञानामृत से हमारी चेतना को जागृत करना, हमें भूल ना जाना।
रोहिणी सभा के कोषाध्यक्ष पराग जैन, पश्चिम विहार सभाध्यक्ष सुशील जैन, पालम सभाध्यक्ष ईश्वर जैन, मॉटल टाउन सभाध्यक्ष प्रशन्न पुगलिया, दिल्ली सभा उपाध्यक्ष नत्थूराम जैन, तेममं अध्यक्षा मंजु जैन, तेयुप के अध्यक्ष विकास सुराणा, नागलोई सभाध्यक्ष श्रीश्रीपाल जैन सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं सदस्यों ने भाव व्यक्त किए।कार्यक्रम के मुख्य नायक दीक्षार्थी मुदित ने पूरी सभा को आह्वान करते हुए 8 दिसंबर को सिरियारी जाने की प्रेरणा एक गीत के माध्यम से दी और सभी से जाने-अनजाने में हुई भूलों के लिए क्षमायाचना की।
कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा, दिल्ली के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया। उन्होंने मुदित की बार-बार अभ्यर्थना की और कहा कि यौवन की दहलीज पर खड़े मुदित तुमने जो सपना देखा और उसे चरितार्थ करने गुरुचरणों में जा रहे हो-वह इक्कीसवीं सदी का चमत्कार कहा जा सकता है, क्योंकि वैज्ञानिक युग में सुलभ भौतिक सुख-सुविधाओं को छोड़कर संन्यास जीवन में बढ़ रहे हो-तुम तेजस्विता प्राप्त कर लक्ष्य वारों, मंगलकामना।