चौदह पूर्वों का सार है महामंत्र नवकार

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चौदह पूर्वों का सार है महामंत्र नवकार

रोहिणी, दिल्ली।
साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में ‘नमस्कार महामंत्र डेकोरेशन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। चौदह कन्याओं ने इसमें अपनी सहभागिता दर्ज की। इस अवसर पर साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा कि नमस्कार महामंत्र जिसमें महान आत्माओं के गुणों का उत्कीर्ण किया गया है। 35 अक्षरों का यह मंत्र अचित्य है एवं इसमें चौदह पूर्वों का सार है। मन की स्थिरता, रंगों एवं स्थान विशेष के साथ किया गया जाप अत्यंत प्रभावी है। लगातार एक वर्ष तक इसकी अभ्यर्थना करने पर आनंद को साकार किया जा सकता है। आधि-व्याधि एवं उपाधि को दूर कर समाधी में समाधिस्थ हो सकते हैं।
प्रतियोगी बहनों का परिणाम निर्णायक मंडल द्वारा निकाला गया। निर्णायक मंडल में तेरापंथी सभा, रोहिणी अध्यक्ष विजय जैन, पवन जैन, बिरदी चंद जैन, अशोक जैन उपासक, निगम पार्षद कनिका जैन ने परिणाम की घोषणा की। प्रथम स्थान पर दस वर्षीय परी जैन व प्रांशी जैन बड़ों में ऐंजल जैन, काजल गुप्ता, द्वितीय स्थान पर प्रिया सिंघी, तवी दुधोड़िया एवं तीसरे स्थान पर जिया जैन, समिता बोथरा रही। इसके अतिरिक्त सुलक्षणा डागा, वाणी जैन, महक सुराणा, पूजा जैन और विमला जैन को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। तेरापंथी सभा, रोहिणी ने सभी बच्चों का उत्साहवर्धन किया। साध्वी कल्याणयशा जी ने गीत का संगान कर नमस्कार महामंत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। पुरस्कार वितरण दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष नत्थूराम जैन, रोहिणी सभा के सहमंत्री सुशील जैन, रोहिणी ज्ञानशाला के महेंद्र चोरड़िया, वरिष्ठ श्रावक राजकुमार जैन, पवन जैन, जय कुमार जैन, विनोद कुमार जैन, ओम प्रकाश जैन एवं कमल बैंगाणी उपस्थित थे।