मंगलभावना समारोह एवं दीक्षार्थी का अभिनंदन समारोह

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मंगलभावना समारोह एवं दीक्षार्थी का अभिनंदन समारोह

चेन्नई।
माधावरम्, तेरापंथ सभा, चेन्नई के तत्त्वावधान में संपूर्ण चेन्नई समाज की ओर से साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के मंगलमय चातुर्मास की संपन्नता पर मंगलभावना समारोह एवं मुमुक्षु सोनल पीपाड़ा का अभिनंदन समारोह का आयोजन आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि धर्म के चार द्वारों में प्रवेश करना साधक की साधना के लिए महत्त्वपूर्ण है। क्षमा यानी शांत सरोवर की तरह जीवन को बना लिया जाए। साधना का मार्ग कभी लक्ष्य हीन नहीं हो सकता। लक्ष्य के साथ संकल्प को साधें। आज सोनल विजय यात्रा, संयम यात्रा के लिए प्रस्थित हो रही है। जो मार्ग इसने अपनाया है वह सामान्य नहीं है। यह संघ के संवर्धन में योगभूत बन रही है। संगायिका सोनल आत्म संगीत गाने हेतु संकल्पबद्ध होकर प्रस्थान कर रही है। चढ़ते भावों के साथ विकास के पथ पर, संयम के पथ पर आरोहण करती रहना।
कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष उगमराज सांड ने स्वागत स्वर प्रस्तुति के साथ साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। माधावरम् ट्रस्ट कोषाध्यक्ष गौतम समदड़िया, स्कूल चेयरमैन तनसुख नाहर, महिला मंडल उपाध्यक्षा अल खटेड़, तेयुप अध्यक्ष विकास कोठारी सहित अनेक सभा-संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। दीक्षार्थी मुमुक्षु सोनल के मामाजी महावीर बाफना ने दीक्षार्थी का परिचय प्रस्तुत किया। बाफना परिवार की बहनों ने बधाई गीत प्रस्तुत किया। तेममं ने मंगल गीत की प्रस्तुति दी। जय तुलसी मंडल एवं तेयुप ने अपने गीतों से परिषद में समा बाँध दिया। गौतम बाफना ने उद्गार व्यक्त किए।
साध्वी डॉ0 राजुलप्रभा जी ने कहा कि संयम यात्रा में मुस्कान अक्षुण्ण बनी रहे। वैराग्य भाव पर से संयम-पथ पर आगे बढ़ती रहे, मार्ग में कहीं अवरोध न आए। सोनल ने कहा कि ज्ञानशाला में बचपन में मैंने सीखा है सजग जीवन शैली। मुझे अध्यात्म की पूँजी दादा से मिली। मुझे आज मंगलमयी मामा से मंगल आशीर्वाद मिला, यह मेरे संयम जीवन का महत्त्वपूर्ण उपहार है। साथ कन्या मंउल ने मंगल माला, मंगल तिलक के साथ मुमुक्षु की मंगल आरती की मोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का मंच संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री अशोक खतंग ने किया। आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा सहमंत्री देवीलाल हिरण ने किया।