तेलंगाना स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

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तेलंगाना स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

हैदराबाद।
अभातेममं के तत्त्वावधान में तेममं द्वारा साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्निध्य में, तेरापंथ भवन में आंध्रा तेलंगाना स्तरीय कार्यशाला ‘क्षितिज’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम तीन सत्र में आयोजित किया गया। शुभारंभ स्थानीय महिला मंडल द्वारा गीत की प्रस्तुति से हुआ। अध्यक्षा अनिता गिड़िया ने सभी का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। सभा अध्यक्ष बाबूलाल बैद ने कार्यशाला के प्रति शुभकामनाएँ प्रेषित की। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी द्वारा प्राप्त संदेश का वाचन आंध्रा तेलंगाना सहप्रभारी वंदना ने किया। नवयुवती मंडल व कन्या मंडल की प्रस्तुति हुई। अभातेममं सहमंत्री नीतू ओस्तवाल, प्रचार-प्रसार मंत्री सरिता बरलोटा ने बताया कि स्वभाव का प्रभाव दैनिक जीवन पर कैसे पड़ता है।
राष्ट्रीय अध्यक्षा अभातेममं, नीलम सेठिया ने ‘क्षितिज’ और ‘स्वभाव का प्रभाव’ इन दोनों विषयों को छूते हुए बताया कि क्षितिज का अर्थ होता है जहाँ आकाश और धरती का मिलन होता है। हकीकत में देखा जाए तो धरती और आकाश का मिलन कभी होता ही नहीं है। यह केवल आभास मात्र है। कभी हम समुद्र के पास खड़े होते हैं तब हमें लगता है पानी और आकाश का मिलन हो रहा है। दूर से लगता है वहाँ धरती और आकाश का मिलन हो रहा है। साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि व्यक्ति आसमां को छूना चाहता है। अपने सपनों को सच में बदलना चाहता है। विकास की रफ्तार को गति देने के लिए जरूरी है, सबसे पहले हम अपने लक्ष्य का निर्धारण करें।
मुख्य वक्ता मनी पवित्रा ने बहनों को आर्थिक क्षेत्र में कैसे मैनेजमेंट किया जाए, बताया। तीसरे सत्र में कन्या मंडल की कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया गया। आभार ज्ञापन मंत्री श्वेता सेठिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी कल्पयशा जी ने किया। कार्यक्रम में सभी संयोजिकाओं का सहयोग रहा। कार्यक्रम में संरक्षिका सुशीला संचेती, विमलेश सिंघी, संपत सिंघी, परामर्शक चंद्रा सुराणा, अर्पिता लोढ़ा, सरोज भंडारी, चंदा जैन आदि का मार्गदर्शन रहा। आंध्रा, तेलंगाना, भिलाई क्षेत्रों से बहनों की सहभागिता रही। कार्यक्रम में नगरत्रय के गणमान्य व्यक्ति एवं सभी संस्थाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।