अणुव्रत-प्रेक्षाध्यान से जीवन निर्माण
सिकंदराबाद।
साध्वी त्रिशला कुमारी जी की प्रेरणा से श्रद्धा की प्रतिमूर्ति, अणुव्रत सेवी निर्मला बैद ने गनर्वमेंट गर्ल्स कॉलेज में अणुव्रत प्रेक्षाध्यान का कार्यक्रम किया। मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ। निर्मला ने बताया कि आज शिक्षा डिग्री के लिए दी जाती है, वह भी जरूरी है। लेकिन इसके साथ इमोशनल डेवलपमेंट के बारे में बताकर प्रयोग करवाने चाहिए इससे जीवन का चहुँमुखी विकास होता है और अच्छे जीवन व चरित्र का निर्माण होता है। अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान जिसकी कल्पना है संतुलित विकास। कोरी डिग्री हो और भावनात्मक विकास न हो तो चेतना जागृत नहीं होती और वह हितकर नहीं होती। चारों तरफ के विकास से मानसिक शांति बनी रहती है। इससे सहनशीलता, सम्यक् दृष्टिकोण का विकास होता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है।
एक लड़की दो घरों को सँवारती है, जब वह यहाँ से परिवार से अच्छे संस्कारों को लेकर जाती है तो ससुराल को भी स्वर्ग बना सकती है। नशा नाश का द्वारा है आज लड़कियाँ भी नशा करने लगी हैं। उससे कितने नुकसान हैं, जानकारी दी। इसके लिए कई प्रयोग बताए व करवाए। नैतिकता, नशामुक्ति, सद्भावना आचार्यश्री महाश्रमण जी की यात्रा के पहलू हैं। जीवन निर्माण के लिए प्रयोग भी जरूरी है। मन की एकाग्रता, क्रोध कम करने, नशे से दूर, हिंसा, मार-धाड़ न हो। इसके लिए कई प्रयोग बताए गए। लगभग 400 विद्यार्थियों ने भाग लिया व ध्यानपूर्वक सुना। प्रिंसिपल ने आभार ज्ञापित किया व धन्यवाद दिया। हनुमान बैद साथ में थे। कुछ सामग्री हनुमान जितेंद्र की तरफ से दी गई।