मंगलभावना समारोह के आयोजन

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मंगलभावना समारोह के आयोजन

कांटाबाजी
चातुर्मास की संपन्नता पर द्विदिवसीय मंगलभावना समारोह में मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि कांटाबाजी का ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न हो रहा है। चार महीने अध्यात्म का ठाठ लगा रहा। तप, त्याग से जीवन महान बनता है। त्याग करने वाला केवल वस्तु का ही नहीं अपितु आसक्ति का भी त्याग करता है। कांटाबाजी का श्रावक समाज धर्मसंघ के प्रति समर्पित, श्रद्धा, भक्ति-भावना से परिपूर्ण अध्यात्मनिष्ठ है। अपने जीवन में और अधिक धर्मनिष्ठ बनें।
तेरापंथ सभा, तेयुप, तेममं, कन्या मंडल, ज्ञानशाला सभी संस्थाओं के पदाधिकारी एवं जैन-अजैन समाज ने चातुर्मास में भरपूर लाभ उठाया। सबके प्रति मंगलभावना, सबसे खमतखामणा। मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि नदी, हवा, बादल एवं पंछी की तरह संतजन भी चलते रहते हैं। ये यायावर बनकर धर्म का बोध देते हैं। तेयुप का उत्साह, कार्य करने की निष्ठा सेवाभावना अनुकरणीय है। महिला मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला परिवार के योगदान से चातुर्मास बहुत अच्छा कार्यकारी एवं सुखद रहा। कांटाबाजी का चातुर्मास मेरे लिए सुखद यादगार रहेगा।
तेरापंथ सभा अध्यक्ष युवराज जैन, तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन, महिला मंडल अध्यक्ष बॉबी जैन, कन्या मंडल संयोजिका पूजा ने वक्तव्य के द्वारा मुनिद्वय को मंगलकामना करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की। चालीस से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने गीत, कविता एवं वक्तव्य के द्वारा मंगलभावना व्यक्त की। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने त्याग-संकल्प की भेंट मुनिद्वय को दी। प्रथम दिवस का संचालन गजानन जैन एवं संजय जैन ने किया। दूसरे दिन का संचालन सभामंत्री सुमित जैन ने किया। संपूर्ण श्रावक समाज ने कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मुनिद्वय से क्षमायाचना की।