संतों का आध्यात्मिक मिलन

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संतों का आध्यात्मिक मिलन

ओडिसा।
साध्वी डॉ0 मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी एवं मुनि जिनेश कुमार जी का आध्यात्मिक मिलन पाणीकोइली ग्राम में हुआ। आध्यात्मिक मिलन के पश्चात सभी मुनिवृंद उद्योगपति परशुराम दास के निवास परिसर में पधारे। जहाँ मुनिवृंदों के सान्निध्य में संक्षिप्त, आध्यात्मिक मिलन समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कटक, भुवनेश्वर, जाजपुर रोड, भद्रक कोलकाता आदि क्षेत्रों से श्रद्धालुगण उपस्थित थे। इस अवसर पर मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि दूर प्रदेशों में संतों का मिलन दुर्लभ है। तेरापंथ धर्मसंघ में संतों का मिलन समारोह बन जाता है। उड़ीसा में गुरुकृपा से इस वर्ष संतों के चार चातुर्मास हुए। आज मुनि जिनेश कुमार जी, मुनि परमानंद जी व मुनि कुणाल कुमार जी से मिलकर प्रसन्नता हुई। मुनित्रय की आगामी यात्रा मंगलमय हो।
इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी, ने आगंतुक मुनिवरों का स्वागत करते हुए कहा कि गृहस्थ हस्त मिलन करते हैं और संत हृदय मिलन करते हैं। इसलिए संत मिलन का विशिष्ट महत्त्व है। आज संयमी मुनियों के दर्शन कर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी तेरापंथ धर्मसंघ के विशिष्ट संत हैं, वे तपस्वी व ज्ञानी संत हैं। मुनि विमलेश कुमार जी प्रतिभासंपन्न व मुनि पदम कुमार जी श्रमशील संत हैं। तीनों मुनिवरों से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आध्यात्मिक मिलन प्रमोद भावना, गुण ग्राहकता, उदारता, प्रेम का परिचायक है। मुनित्रय की आगामी यात्रा सातापूर्वक हो, ऐसी मंगलकामना करता हूँ।
इस अवसर पर मुनि परमानंद जी, डॉ0 मुनि विमलेश कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए। बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर आध्यात्मिक मिलन गीत का संगान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ सभा, कटक के कार्यकर्ताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।