मानव सही अर्थ में मानव बने
जालोर।
वैश्विक परंपरा में ऋषियों का बहुत बड़ा महत्त्व रहा है। ऋषिजन संस्कार, संस्कृति और परंपरा के विकास के साथ जीवन विकास के मूल्यों को संजीवन देने का कार्य करते हैं। भारतीय मूल्य मानक ऋषियों की प्रेरणा की महान सौगात है। ये विचार जालोर जिले के प्रथम प्रवास में प्रवासित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालवाडा, जालोर को संबोधित करते हुए मुनि मोहजीत कुमार जी ने रखे।
मुनिश्री ने वर्तमान में शिक्षा प्रणाली के किताबी ज्ञान के साथ संस्कार और संस्कृति को सुरक्षित रखने का बोध दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में डॉक्टर, इंजीनियर, जज आदि बनना बड़ी बात नहीं, असली मानव बनना बड़ी बात है। मुनिश्री ने विद्यार्थियों को संकल्प शक्ति, एकाग्रता एवं विद्या विकास के अनेक प्रयोग बताए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने नशामुक्त रहने का संकल्प किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य सूरजाराम जी ने मुनिगण का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।