प्रमोद भावना का प्रतीक है आध्यत्मिक मिलन

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प्रमोद भावना का प्रतीक है आध्यत्मिक मिलन

मंडिया।
मुनि रश्मि कुमार जी एवं साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी का मधुर मिलन मध्य रास्ते में मंडिया के नजदीक सोमनहली में एस0एम0 कृष्णा के निवास स्थान पर हुआ। यह अद्भुत मिलन समारोह देखने जनसैलाब उमड़ा। मुनि रश्मि कुमार जी ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें अध्यात्म से ओतप्रोत तेरापंथ धर्मसंघ मिला है। ऐसे सुव्यवस्थित संघ पर हमें नाज है, जिसकी गरिमा बेअंदाज है। आचार्यश्री महाश्रमण जी के अनुशासन व छत्रछाया में हम सब पल्लवित-पुष्पित हो रहे हैं।
साधु-संतों के सान्निध्य से जीवन का कायाकल्प हो जाता है। प्रखर प्रवक्ता मुनि धर्मचंद पीयूष जी के उदार, वात्सल्य व स्नेहयुक्त आंचल रूपी छाँव में सिंचित होने का मौका मिला। गुरुकृपा व मुनिप्रवर के आशीर्वाद से विजयनगर का चातुर्मास सफल हो पाया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि आज दिल की कली-कली विकसित हो भीतर में अति प्रसन्नता है।, हमारा सौभाग्य है। जैन धर्म और मर्यादा निपुण तेरापंथ धर्म जैसा अनुशासित संघ मिला। शासनश्री साध्वी नगीनाश्री जी एवं शासनश्री साध्वी पद्मावती जी ने मुझे सत्संस्कारों से सिंचन किया। तभी हम सुव्यवस्थित कार्य कर पाए। स्नेह, आत्मीय भाव एवं प्रमोद भावना का प्रतीक हैµमिलन समारोह।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि साधु-संत ज्ञान के रत्नद्वीप व जीवन कला के मर्मज्ञ होते हैं। मुनि प्रियांशु कुमार जी ने अहोभाव व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है, तेरापंथ धर्मसंघ मिला। माता-पिता तुल्य मुनिप्रवर का सहयोग मिला व जीवन जीने की कला मिली। सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक, उपाध्यक्ष किशन आच्छा, विजयनगर के तेयुप अध्यक्ष श्रेयांस गोलछा, महिला मंडल मंत्री सुमित्रा बरड़िया, महिला मंडल, मंडिया अध्यक्ष पुष्पा बाफना, कन्या मंडल, महिला मंडल ने गीतिका के द्वारा स्वागत किया। तेयुप अध्यक्ष प्रवीण दक ने विचार रखे।