दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन ‘अन्वेषण’ में युवकों ने की स्वयं की खोज

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दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन ‘अन्वेषण’ में युवकों ने की स्वयं की खोज

बैंगलुरु।
अभातेयुप के तत्त्वावधान में तेयुप के निर्देशन में दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन का आयोजन हुआ। अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा, उपाध्यक्ष रमेश डागा, महामंत्री पवन मांडोत, कोषाध्यक्ष भरत मरलेचा, मुख्य अतिथि विमल कटारिया, प्रबुद्ध विचारक दिनेश पोखरना, शाखा प्रभारी सोनू डागा, बैंगलुरु परिषद अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा एवं मंत्रीमंडल के साथ दक्षिण की अनेकों परिषदों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा के ध्वजारोहण एवं मुनि अर्हत कुमार जी के मंगल मंत्रोच्चार के साथ हुआ। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने करवाया। तेयुप बैंगलुरु अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा एवं तेरापंथ सभा, गांधीनगर अध्यक्ष कमल दुगड़ ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए परिषद द्वारा कृत कार्यों की संक्षिप्त प्रस्तुति दी। मुनि अर्हत कुमार जी के श्रम की प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि विमल कटारिया ने कहा कि युवा जोश के साथ किसी भी प्रकार के कार्य हाथ में ले सकता है। आपने कहा कि वही युवा सफल होता है जो अपने समाज से जुड़कर रहता है। तेयुप, बैंगलुरु द्वारा संचालित प्रज्ञा संगीत सुधा ने मुनि अर्हत कुमार जी द्वारा रचित अन्वेषण थीम सॉन्ग की प्रस्तुति दी। मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि उत्साह-उमंग भरा मन, जीवन का अक्षयकोष तन और जोश के साथ होश सहित चिंतन और मंथन का नाम हैµयुवा व्यक्तित्व। युवा उम्र से नहीं होता, युवक वह होता है जिसकी रीढ़ की हड्डी लचीली हो, सकारात्मक दृष्टिकोण हो, जो तनावमुक्त रहना जानता हो। जिसके हाथ में यौवन की पतवार हो, जिसमें संयम और विवेक हो। मुनिश्री ने प्रासंगिक वक्तव्य के माध्यम से युवा शक्ति को धर्म व समाज की महत्ता समझाते हुए इनसे जुड़कर रहने की प्रेरणा दी।
युवा संत मुनि भरत कुमार जी ने सभी से आह्वान करते हुए प्रेक्षाध्यान व स्वाध्याय से ज्ञान-ध्यान बढ़ाकर स्वयं का अन्वेषण करने की प्रेरणा प्रदान की। बाल संत मुनि जयदीप कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यौवन शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है जो स्वयं गति करते हुए समाज को भी प्रगतिशील बनाता है।
महामंत्री पवन मांडोत ने अभातेयुप के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने युवकों को स्व-हित और पर-हित करने की प्रेरणा दी। आपने कहा कि युवा पहले स्वयं का कल्याण करे, फिर परिवार और व्यापार का ध्यान करे और उसके बाद समाज सेवा का काम करे। आपने कहा कि तेयुप एकमात्र ऐसी संस्था है जो सामाजिक एवं आध्यात्मिक दोनों तरह के कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ करती है।
मुख्य वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर एवं माइंड सेट कोच राहुल कपूर जैन ने वक्तव्य से युवकों को धर्म का मर्म समझाया और जैन धर्म के संस्कारों को जीवन में लाने के लिए उदाहरण के माध्यम से प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी परिषदों का अभातेयुप एवं तेयुप, बैंगलुरु के पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम के प्रभारी विनोद कोठारी एवं संयोजक सुरेश संचेती, आलोक कुंडलिया ने सभी के प्रति कृतज्ञता एवं आभार के भाव प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन मंत्री विकास बाबेल एवं रोहित कोठारी ने किया।
रात्रिकालीन सत्र में प्रज्ञा संगीत सुधा एवं भीलवाड़ा से समागत ऋषि दुगड़ द्वारा गीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में दक्षिण भारत की 30 परिषदों के सदस्यों एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति थी। बैंगलुरु परिषद के अनेकों अभूतपूर्व अध्यक्षों ने कार्यक्रम में सहभागी दी। सम्मेलन में मंत्री मंडल, कार्य समिति सदस्यों एवं किशोर मंडल के सदस्यों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।