मुनि अनिकेत कुमार जी का देवलोकगमन

मुनि अनिकेत कुमार जी का देवलोकगमन

सिरियारी।
मुनि अनिकेत कुमार जी गुरुदर्शनार्थ सिरियारी की ओर विहार कर रहे थे। 30 नवंबर, 2022 को 16 किलोमीटर का विहार कर स्थान पर पहुँचे। वहाँ उनका देवलोकगमन हो गया। मुनि अनिकेत कुमार जी का जन्म 11 सितंबर, 1960 को चेन्नई में हुआ। मुनिश्री के पिता का नाम स्व0 मोहनलाल बोहरा एवं माताश्री का नाम स्व0 लक्ष्मीबाई बोहरा था। छोटी उम्र में ही वे व्यापार आदि में लग गए। बचपन से ही वे पुरुषार्थी व ईमानदार थे। छब्बीस साल की उम्र में उनकी शादी बालुन्दा निवासी, चेन्नई प्रवासी स्व0 संपतराज छल्लाणी की पुत्री पुष्पलता छल्लाणी से हुआ। दोनों परिवार में धर्म के अच्छे संस्कार थे। उनकी धर्मपत्नी ने भी उनका जीवन के अनेक प्रसंगों में साथ निभाया यहाँ तक संयम ग्रहण भी साथ ही किया।
सन् 2018 में आचार्यप्रवर के चेन्नई चातुर्मास में उन्होंने अपने परिवार सहित (स्वयं - मुनि अनिकेत कुमार, धर्मपत्नी साध्वी धैर्यप्रभा, पुत्र-मुनि कौशल कुमार, पुत्री-साध्वी तेजस्वी प्रभा) दीक्षा ग्रहण की। उनकी एक पुत्री (साध्वी सिद्धार्थप्रभा जी) पहले से ही संघ में साधनारत हैं। आचार्यप्रवर ने दीक्षा के बाद उन्हें और मुनि कौशल कुमार जी को मुनि रणजीत कुमार जी के सिंघाड़े में नियोजित किया। बर्हिविहार में जाते समय आचार्यप्रवर ने उन्हें स्वाध्याय, सेवा, सौहार्द में तल्लीन रहने की शिक्षा प्रदान की। गत चार सालों में उन्होंने दसवेंकालिक, उत्तराध्ययन, आगम आदि कंठस्थ किए। तेला, अठाई, मौन, मासखमण आदि तपस्या की। वे प्रायः स्वाध्याय, मौन, जप आदि में लीन रहते थे। मुनिश्री स्वावलंबी, व्यवहारकुशल, अनुशासनप्रिय व व्यवस्थित जीवन रहने वाले थे। लोगों से बोलने, सीखने आदि में रुचि रखते थे। इस स्वल्प अवधि में उन्होंने सैकड़ों दिलों को स्पर्श किया। आचार्यप्रवर ने उनके संसारपक्षीय पुत्र मुनि कौशल कुमार जी को उनके साथ रखा। वर्तमान में तेरापंथ धर्मसंघ में पिता पुत्र की यह एकमात्र जोड़ी थी। वह नहीं रही। स्मृति सभा में आचार्यप्रवर ने फरमाया कि इतिहास में खोजकर बताएँ, इस प्रकार पिता-पुत्र, दो पुत्रियाँ व पत्नी सहित अपने संघ में दीक्षा कभी हुई है, क्या?