दो अध्यात्मिक धाराओं का मिलन

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दो अध्यात्मिक धाराओं का मिलन

एलाऊर (तमिलनाडु)।
मुनि सुधाकर कुमार जी एवं मुनि नरेश कुमार जी का जैन मूर्तिपूजक संघ के वरिष्ठतम आचार्यश्री नित्यानंद जी महाराज एवं युवा संत मुनि मोक्षानंद जी से चेन्नई, कोलकाता हाईवे पर मधुर मिलन हुआ। मिलन के प्रसंग पर दोनों ओर से आध्यात्मिक स्नेह की अनुभूति हुई। आचार्यश्री नित्यानंद जी महाराज ने कहा कि संतों का मिलन सौभाग्य से होता है। जैन एकता के लिए परस्पर विचार-विमर्श आवश्यक है। हमें एक-दूसरे के विचारों और सिद्धांतों के प्रति उदारता और विशालता का परिचय देना चाहिए। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि संतों का मिलन आनंद की अनुभूति कराता है। संत समागम से सौभाग्य एवं अभिनव आनंद की अभिवृद्धि होती है।
मुनि सुधाकर कुमार जी ने पूज्य संत मोक्षानंद जी के जन्मदिवस पर आध्यात्मिक मंगलकामना व्यक्त की। आचार्यश्री और मुनिवृंद ने पदयात्रा में सहयात्री बनकर जैन एकता का संदेश दिया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा ने बताया कि मुनिश्री माधावरम् से विहार कर चिकमंगलूर की ओर विहाररत हैं। इस अवसर पर दिनेश बाफना, डॉ0 सुनील भंडारी, अनील भंडारी इत्यादि अनेक श्रावक भी उपस्थित थे।